अपडेट खबर, छिंदवाड़ा के रजोला गांव में उल्टी-दस्त का कहर, 250 बीमार, 10 की हालत गंभीर, कुएं में मिले मृत पक्षी, यही से फैली बीमारी

छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा स्थित ग्राम रजोला अमरवाड़ा में अचानक फैली उल्टी-दस्त की बीमारी से हड़कंप मच गया। 250 से अधिक ग्रामीणों की तबीयत बिगडऩे के बाद गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। टीम ने इलाज व दवा वितरण शुरु कर दिया। वहीं दस बच्चों की हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया है। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में होना बताया गया है।                                                          
                                ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दूषित पानी पीने के कारण कई लोगों को उल्टी-दस्त की शिकार हुए है। कई लोगों को स्थानीय अस्पताल व निजी क्लीनिकों में भर्ती कराया गया है। खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर हालात देखे और कुएं व हैंडपंपों से पानी के सैंपल लिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों से कहा है कि फिलहाल कुएं का पानी उपयोग न करें। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी के सही कारणों का पता चल पाएगा। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगाकर घर-घर मरीजों की जांच कर रही है। बीमार लोगों को ओआरएस घोल, दवाइयां व जरूरी चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद पानी की जांच या सफाई का कार्य समय पर नहीं कराया गया, जिसके चलते ऐसे हालात निर्मित हुए है। फिलहाल प्रशासन ने गांव में सतर्कता बढ़ा दी है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें अगले कुछ दिनों तक लगातार निगरानी में रहेंगी, ताकि बीमारी दोबारा न फैले। गांव में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने 4 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है, ताकि जरूरत पडऩे पर मरीजों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा जा सके। कलेक्टर हरेंद्र नारायन और सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार देर रात तक गांव में ही डटे रहे। उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था और ग्रामीणों की स्थिति का लगातार निरीक्षण किया। प्रशासन की तत्परता से फिलहाल गांव की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में बताई जा रही है।

कुएं के पानी से फैली बीमारी की आशंका-

एसडीएम अमरवाड़ा हेमकरण धुर्वे ने बताया कि जांच के दौरान ग्राम के कुएं में चार पक्षियों के मृत मिलने की जानकारी मिली है। संभवत: इसी दूषित पानी के सेवन से ग्रामीणों में बीमारी फैली। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कुएं के पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे, जिनकी रिपोर्ट में पानी दूषित पाए जाने की पुष्टि हुई है। अब कुएं को खाली कराया जा रहा है और फिलहाल पेयजल की अस्थाई व्यवस्था अन्य जलस्त्रोत से की गई है। मौके पर जनपद सीईओ, बीएमओ, टीआई, स्वास्थ्य अमला और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। प्रशासन का दावा है कि हालात अब पूरी तरह नियंत्रण में हैंए और ग्रामीणों को निरंतर चिकित्सा सहायता दी जा रही है।



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