नई दिल्ली। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में देश भर में बच्चों के खिलाफ अपराध के करीब 1.77 लाख मामले दर्ज हुए हैं, इनमें सबसे ज्यादा केस मध्य प्रदेश में सामने आए। पिछली बार मध्यप्रदेश देशभर में दूसरे नंबर पर था, लेकिन इस बार पहले नंबर पर आ खड़ा हुआ है।
हाल ही में NCRB ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें देश में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर तो है ही, इसके साझ ही महिलाओं की सुरक्षा भी चिंताजनक है। 2023 में राज्य में 15,662 आत्महत्या के केस दर्ज हुए, जो देश में तीसरा सबसे बड़ा अंकड़ा है।
बच्चों के खिलाफ अपराध
सिर्फ बच्चों से जुड़े अपराधों की जाए तो 2023 में मध्यप्रदेश में 22,393 मामले दर्ज हुए। यह आंकड़ा महाराष्ट्र के 22,390 मामलों से सिर्फ 3 ज्यादा है। पिछले 2 सालों में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। साल 2022 में 20,415 और 2021 में 19,173 केस दर्ज हुए थे। जिसके बाद अब 2023 के आंकड़ों के मुताबिक 22,393 दर्ज मामलों के साथ मध्यप्रदेश पहले स्थान पर आ पहुंचा है। पाक्सो के मामलों में भी 6,559 दर्ज पाक्सो केसेस के साथ मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर रहा।
महिलाओं के खिलाफ अपराध
देशभर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध भी रुकने का नाम नहीं ले रहे। महिला अपराध कैटेगरी में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मध्यप्रदेश टॉप पांच राज्यों में शामिल हैं। यह आंकड़े साफ जाहिर कर रहे हैं कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में मध्यप्रदेश के हालात बेहद कमजोर हैं।
आत्महत्या के बढ़ते मामले
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में मध्यप्रदेश में 15,662 लोगों ने आत्महत्या की है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले महाराष्ट्र में, दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और फिर मध्यप्रदेश का स्थान आया है।