छिंदवाड़ा में दो और बच्चों की मौत, नागपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ा, अब तक 19, जहरीले सिरप का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

 

छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा में जहरीला सिरप पीने आज फिर दो बच्चों की मौत हो गई। वेदांत काकुडिय़ा उम्र 3 वर्ष व जायुषा यदुवंशी दो वर्ष की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हुई है। जिसके चलते मध्यप्रदेश में अब 19 बच्चों की मौत हो चुकी है। 

                               वहीं दूसरी ओर एमपी व राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए गठित एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की गई है।  याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को ड्रग रिकॉल पॉलिसी व टॉक्सिकोलॉजिकल सेफ्टी प्रोटोकॉल तैयार करने के निर्देश भी दिए जाएं। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में ऐसे मामलों में दर्ज सभी एफआईआर एक जगह ट्रांसफर करके पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से जांच कराई जाए।  याचिका लगाने वाले अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा है कि आरोपी कंपनी द्वारा बनाई गई सभी दवाओं की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार व केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को देशभर में ऐसी दवाओं में डाय एथिलिन ग्लायकॉल व एथिलिन ग्लायकॉल की जांच कराने का आदेश दिया जाए। इन दोनों केमिकल की बिक्री और निगरानी के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।

एमपी सरकार ने किया एसआईटी का गठन-

मध्यप्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है। जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट व मंडला जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल हैं। सीएम डॉ मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटा दिया है। उन्होंने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा वर जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन को सस्पेंड करने के निर्देश भी दिए हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संचालक दिनेश श्रीवास्तव को फूड और ड्रग कंट्रोलर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।


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