दमोह। एमपी के दमोह में जगजीत सिह वाधवा ने रजिस्ट्री करते वक्त चतुर्सीमा में फेरबदल कर स्टाम्प शुल्क में 319739 रुपए की चोरी की है। इस मामले में शिकायत ईओडब्ल्यू सागर में अजीत अग्रवाल ने की। जिसपर जांच करते हुए जगजीत सिंह सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है। ईओडब्ल्यू द्वारा की गई जांच में पाया गया कि लखन लाल पटेल निवासी दमोह ने वर्ष 2018 में 0.71 हेक्टेयर भूमि 57,73,500 रुपये में क्रय की थी। उसी भूमि को वर्ष 2020 में लखन लाल पटैल द्वारा 27,93,200 रुपये में जगजीत सिंह वाधवा को बेचा गया। जगजीत सिंह वाधवा और लखन लाल पटैल ने तत्कालीन उप पंजीयक उल्लास नाखरे के साथ मिलकर वर्ष 2020 में भूमि को क्रय विक्रय करते समय रजिस्ट्री में भूमि की चतुर्सीमा में बायपास रोड को ना दिखाते हुए जगजीत सिंह वाधवा की भूमि को दर्शाकर स्टाम्प शुल्क में 319739 रुपये की चोरी की गई थी। इस प्रकार स्टाम्प शुल्क में अवैध लाभ प्राप्त करने लिए रजिस्ट्री के दौरान जानबूझकर भूमि की दिशाओं में फेरबदल कर भूमि को मुख्य मार्ग के स्थान पर आतंरिक भाग में दर्शाया गया। वर्ष 2018 में लखन लाल पटैल द्वारा उक्त भूमि क्रय करते समय रजिस्ट्री एवं 2020 में जगजीत सिंह वाधवा द्वारा वही भूमि क्रय करते समय रजिस्ट्री तत्कालीन उपपंजीयक उल्लास नाखरे द्वारा ही की गई थी। इस प्रकार जगजीत सिंह वाधवा, लखनलाल पटैल एवं तत्कालीन उप पंजीयक दमोह उल्लास नाखरे तीनों को वास्तविक दिशाओं का संज्ञान होने के बाद भी उनके द्वारा आपराधिक षड्यंत्र कर रजिस्ट्री में दिशाओं का फेरबदल कर शासन को स्टाम्प शुल्क में 3,19739 रुपये की क्षति कारित की गई। मामले में जगजीत सिंह वाधवा पिता सरदारीलाल वाधवा निवासी दमोह, लखनलाल पटेल पिता राम प्रसाद पटैल निवासी दमोह, उल्लास नाखरे तत्कालीन उप पंजीयक दमोह एवं अन्य के विरूद्ध अपराध धारा 420, 468, 471, 120 बी भादवि, 7 सी भ्रनिअ 1988 संशोधित 2018 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। विवेचना के दौरान अन्य व्यक्तियों की भूमिका सामने आने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।