कहा,ऐसा करना इस्लाम के खिलाफ
गरबा पंडालों में मुसलमानों की मौजूदगी पर मौलाना ने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि जहां मानवता, खिदमत और इंसान की मदद का मामला हो, वहां न हिंदू देखो न मुसलमान, बल्कि इंसान की सेवा करो। जब मामला धर्म का हो तो कुरान कहता है हमारा धर्म अलग है, आपका धर्म अलग है। गरबा जैसे आयोजनों में शामिल होना इस्लामिक नजरिए से गलत है। अगर कोई मुसलमान वहां जाता है तो वह इस्लाम की शिक्षाओं का उल्लंघन करता है।
आपसी भाईचारे और संवाद पर दिया जोर-
मौलाना ने कहा कि जहां बात इंसानियत की हो, वहां हम हिंदुओं के साथ हैं। भूखे को खाना खिलाना हो, आपदा में मदद करनी हो, कपड़े पहनाना हो, वहां ना धर्म देखा जाए ना मजहब। हम हिंदुओं के वतन भाई हैं। हमें साथ रहना है और हम साथ रहेंगे। किसी धर्म, जाति या पार्टी को गाली देने से कुछ नहीं होगा। हमें बैठकर बातचीत करनी चाहिए। अगर कोई गलतफहमी है तो उसे दूर करना चाहिए। यही हमारे मुल्क और नेशन के हित में है।
जिहाद का असली अर्थ, मेहनत और इंसानियत की भलाई-
मौलाना अली ने कहा कि जिहाद का मतलब मेहनत करना, जद्दोजहद करना, इंसानियत की भलाई के लिए प्रयास करना है। कोई भी नेक काम जो समाज के लिए फायदेमंद हो वह जिहाद कहलाता है। लेकिन लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल किया और इसे बदनाम कर दिया। अगर किसी व्यक्ति ने समाज विरोधी या हिंसक काम किया है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसी पूरी कम्युनिटी को पहले से ही टारगेट करना नासमझी और दुखद है।
भाजपा सांसद और विधायक जता चुके हैं आपत्ति-
सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल को हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन उन्हें यहां केवल भोपाली तहजीब दिखाई देती है। सांसद ने साफ कहा कि हिंदू समाज को अपने पर्व अपनी परंपरा के अनुसार मनाने का पूरा अधिकार है।
कोई हिंदू विरोधी गरबा क्षेत्र में न घुसे, रामेश्वर शर्मा-
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने गरबा स्थलों पर सुरक्षा को लेकर सख्त रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि जहां बहन-बेटियां जा रही हैं। उनकी सेफ्टी सरकार की वचनबद्धता है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि कोई अपराधी गरबा में प्रवेश न कर सके।