टीकमगढ़. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ जनपद क्षेत्र के ग्राम गणेशपुरा में अंतिम संस्कार के लिए जहां नाव से सामान भेजा गया तो लोग कमर तक पानी से गुजर कर मुक्तिधाम पहुंचे। यहां पर एक 5 वर्षीय बालक की मौत के बाद यह समस्या सामने आई है। बताया जा रहा है कि पंचायत द्वारा तालाब के भराव क्षेत्र की पहाड़ी पर मुक्तिधाम बनाया गया है। इस बार हुई जोरदार बारिश के बाद अब तालाब अपने पूरे भराव पर आ गया है तो यहां जाने का रास्ता ही बंद हो गया है।
शुक्रवार को गणेशपुरा गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें कुछ लोग एक बच्चे के शव को कमर तक पानी में लेकर मुक्तिधाम जा रहे थे। साथ ही चल रही नाव में अंतिम संस्कार का सामान रखा गया था। गणेशुपरा के मिलनखेरा निवासी रामदास रैकवार के 5 वर्ष के पोते देवेंद्र रैकवार का निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि देवेंद्र अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में था। देवेंद्र के माता-पिता वहां मजदूरी करते हैं। वहां पर देवेंद्र को उल्टी-दस्त की समस्या के बाद उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में परिजन उसके अंतिम संस्कार के लिए शव को अपने गांव लेकर आए थे।
लगातार बारिश से मुक्तिधाम में भरा पानी
लगातार जारी बारिश के बाद गांवों में मुक्तिधाम को लेकर लगातार समस्याएं सामने आ रही है। कुछ दिन पूर्व ग्राम मातौल का एक मामला सामने आया था। यहां पर मुक्तिधाम की सुविधा न होने पर बारिश में लोग पॉलीथिन की मदद से अंतिम संस्कार कर रहे थे। इसके बाद कलेक्टर ने ऐसे 100 गांवों को चिंहित कर सांसद निधि एवं मनरेगा से मुक्तिधाम निर्माण कराने के निर्देश दिए थे।
चारों ओर भर गया पानी
गांव में पंचायत द्वारा तालाब के पास स्थित पहाड़ी पर मुक्तिधाम का निर्माण किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्षों में पर्याप्त बारिश न होने से तालाब खाली रहता था, ऐसे में आगे की सोचे बिना ही इस पहाड़ी पर मुक्तिधाम का निर्माण कर दिया गया था। अब इस बार हुई पर्याप्त बारिश के चलते इस पूरे क्षेत्र में तालाब का पानी भर गया है और यहां जाने के लिए रास्ता नहीं है। इस समस्या को लेकर गांव के सरपंच हरबाई अहिरवार के पति देशराज ने बताया कि गांव में एक दूसरा मुक्तिधाम भी है, लेकिन वहां पर भी पानी भरा है। पहले यहां पर पानी न होने के कारण लोग आसानी से आते थे। ऐसे में यहां पर मुक्तिधाम का निर्माण किया गया था। यह समस्या सामने आने के बाद अब लोग स्थल चयन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।