एमपी में अंधविश्वास की पराकाष्ठा, मृत व्यक्ति को जिंदा करने झारखंड से आया तांत्रिक

सिंगरौली. एमपी के सिंगरौली में अंधविश्वास के नाम पर मुर्दे के साथ घंटों तमाशा होते रहा और लोग उसे मोबाइल में रिकॉर्ड करते रहे. अंधविश्वास की आड़ में लाश को जिंदा करने के लिए लोगों ने झारखंड से एक तांत्रिक को बुलाया, और फिर मुर्दा को दोबारा से जिंदा करने के लिए उससे झाड़ फूंक की प्रक्रिया करवाई. ये पूरी घटना सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रही है. 

ये पूरी घटना सिंगरौली जिले के चितरंगी इलाके की है. यहां अंधविश्वास के नाम अजीबो-गरीब करतब करने की तस्वीर सामने आई है. अंधविश्वास का भूत लोगों के दिमाग पर इस कदर बैठ जाता है लोग अपनी सोचने की क्षमता खो बैठते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ तेजवली सिंह के परिजनों के साथ. दरअसल, तेजवली सिंह को देर रात एक सर्पदंश हुआ. परिजनों ने तुरंत उसे चितरंगी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सुबह करीब चार बजे तक वह जिंदा था. हालांकि बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और फिर यहां से शुरू हुआ अंधविश्वास का अंधा खेल.

झारखंड से आया था तांत्रिक 

तेजवली सिंह की मौत उसके परिजनों को हजम नहीं हुई. फिर सुबह 9 बजे शव को अस्पताल से बाहर लाया गया और एक सरकारी स्कूल के मैदान में ले जाया गया. स्कूल के मैदान में परिजनों के साथ झारखंड से आया हुआ सर्प झाडऩे वाला तांत्रिक भी शामिल था. तांत्रिक द्वारा स्कूल में ही शव के ऊपर झाड़-फूंक का सिलसिला चलता रहा और आसपास मौजूद लोग इस शव के साथ घंटों चले इस तमाशे को मोबाइल में रिकॉर्ड करते रहे. 

ऐसे करता रहा क्रिया

तांत्रिक लाश के ऊपर बार-बार पानी का छिड़काव कर रहा है. ये प्रकिया लगभग आधे घंटे तक चलती रही और आसपास मौजूद लोग भी इस अजीब कृत्य को ध्यान से देखते रहे मानो लाश अभी उठ के भागने लगेगा. भीड़ में मौजूद किसी भी शख्स ने चल रहे तमाशे पर कोई आपत्ति नहीं जताई. हालांकि इस झाड़-फूंक तंत्र विद्या के बाद भी शव ज्यों का त्यों था परिजनों ने आखिरकार दोपहर बारह बजे शव को घर पर लाया. 


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