जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के हजारों होमगार्ड सैनिकों को बहुत बड़ी राहत दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सैनिकों की कॉल ऑफ प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही, यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार 2020 के कॉल ऑफ किए गए होम गार्डस का वेतन देने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सैनिकों को 12 माह काम और वेतन दोनों मिलेगा। बता दें कि प्रदेश के होमगार्ड सैनिक लंबे समय से अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सैनिकों ने हाईकोर्ट में एक के बाद एक सैनिकों ने हाईकोर्ट में एक के बाद एक 500 याचिकाएं दायर की। । शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने होमगार्ड सैनिकों की याचिका पर सुनवाई की है।
दरअसल, एमपी में होम गार्ड्स यानि नगर सैनिकों को साल में 2 माह बिना वेतन दिए अवकाश दे दिया जाता था। जिसके खिलाफ हजारों होम गार्ड्स ने जबलपुर हाईकोर्ट में 500 याचिकाएं दायर कीं थीं।
पूरे 12 माह काम का रास्ता साफ
होमगार्ड जवान की सेवा शर्तों में कॉल ऑफ की शर्त भी जुड़ी हुई होती है, मतलब इन्हें साल में 10 माह काम करना होता है और दो माह के लिए इन्हें छुट्टी दे दी जाती है। इस दौरान न तो होमगार्ड जवानों से काम करवाया जाता है, और ना ही उन्हें वेतन भत्ते मिलते हैं। अब होमगार्ड जवानों को 10 माह की जगह पूरे 12 माह काम मिलेगा और पूरे साल के वेतन और भत्ते दिए जाएंगे।