पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिजनों ने मौके पर पहुंचकर कपड़े, आईकार्ड सहित अन्य सामान के आधार पर उनकी पहचान की। बिहारी लाल 4 अगस्त को काम पर फैक्ट्री गए थे, इसके बाद नहीं लौटे। परिजनों ने 6 अगस्त को पनागर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराते हुए बताया था कि पडुआ तिराहे पर उन्हें मोहन काछी, रहमान एवं तीन-चार अन्य लोगों के साथ देखा गया है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तलाश और जांच करने में लापरवाही बरती। परिजनों ने कहा कि जब एसपी ऑफिस में शिकायत की और एडिशनल एसपी ने टीआई को फोन किया, तब वे उनके घर आए। पुलिस ने 28 और 29 अगस्त को उनके और उनके भाई के बयान लिएए लेकिन जांच सिर्फ घर तक ही सीमित रही। परिजनों ने मोहन व रहमान पर संदेह जताते हुए कहा कि इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि वे बिहारी लाल से मिले थे, जबकि बिहारी लाल सोमवार से लापता थे। पुलिस ने इनसे पूछताछ ही नहीं की है, जबकि वे पनागर के निवासी हैं। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 4 अगस्त को बिहारी लाल की गुमशुदगी दर्ज हुई है। उनका शव चकहा नाले के पास मिला है। जिसकी पहचान परिजनों ने की है। शव पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।