खितौला डकैती का खुलासा : बिहार से पकड़ा गया मास्टर माइंड, 14 में से बरामद हुआ 3 किलो सोना, देखें वीडियो



जबलपुर।
पुलिस और क्राइम ब्रांच ने खितौला थाना क्षेत्र में ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक में हुई सनसनीखेज डकैती के मुख्य आरोपी राजेश दास उर्फ आकाश दास को बिहार के गया जिले से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने लूटा करीब 3 किलो सोना और 50,000 नगद भी बरामद किए हैं। गिरोह के एक अन्य सदस्य इंद्रजीत दास उर्फ सागर दास को भी गिरफ्तार किया है।

लूटा था 14 किलो सोना

 यह घटना 11 अगस्त, 2025 को हुई थी, जब दिनदहाड़े 5 बदमाशों ने ESAF बैंक से लगभग 14 किलो 800 ग्राम सोने के जेवरात और 5 लाख नगद लूट लिए थे। इस संगठित और दुस्साहसिक वारदात ने पूरे शहर में दहशत फैला दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा, डीआईजी अतुल सिंह और एसपी संपत उपाध्याय ने खुद मौके पर पहुँचकर जांच का जिम्मा संभाला और आरोपियों की तलाश के लिए एक विशेष टीम का गठन किया।

जेल से छूटा था शातिर डकैत

पुलिस जांच में पता चला कि इस डकैती का मास्टरमाइंड राजेश दास है, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। वह 2011 से 2025 तक बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में एक दर्जन से अधिक बैंक डकैतियों में शामिल रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वह 18 जून, 2025 को रायगढ़ जेल से रिहा हुआ था और उसके डेढ़ महीने बाद ही उसने जबलपुर में इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया।


आरोपी के निशानदेही पर सोना बरामद

घटना के बाद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय आरोपी रईस लोधी से मिली जानकारी के आधार पर अपनी जांच का दायरा बढ़ाया। पुलिस की अलग-अलग टीमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान भेजी गईं। सबसे पहले पुलिस ने बिहार के गया जिले में दबिश देकर इंद्रजीत दास को गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में बताया कि मुख्य सरगना राजेश दास कहाँ छिपा हुआ है। इसके बाद, पुलिस ने डोभी थाना क्षेत्र में घेराबंदी कर राजेश दास को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान राजेश दास ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि लूटा गया सोना और नगदी गिरोह ने आपस में बाँट लिए थे। उसने अपने हिस्से का करीब 3 किलो सोना और ₹50,000 नगद खेत में छिपा दिए थे, जिसे पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बरामद कर लिया।

पुलिस टीम को पुरस्कार

 इस पूरे अभियान का नेतृत्व एएसपी क्राइम जितेंद्र सिंह, डीएसपी क्राइम उदयभान सिंह बागरी, सीएसपी बरगी अंजुल मिश्रा और सीएसपी रांझी सतीश साहू ने किया। आईजी प्रमोद वर्मा ने इस बड़े खुलासे और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूरी टीम को 30,000 रुपए का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश अभी भी जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


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