जबलपुर। 122 साल बाद पड़े चंद्रग्रहण में शहर में ग्रहण को दिखाई तो दिया है लेकिन रविवार को हुई बारिश और छाए बादलों के बीच ग्रहण का चांद आंखमिचौली खेलता रहा। ग्रहण शुरू होने के साथ ही बादल छाए थे। चांद की धुंधली तस्वीरों में लोगों ने ग्रहण कैमरों में कैद किया है।
चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना रही। पूरा देश इसका गवाह बना। रात करीब 9.58 बजे चंद्रग्रहण शुरू हुआ और 8 सितंबर की देर रात 1.26 बजे समाप्त हो गया। 82 मिनट की यह अद्भुत घटना देश के अधिकांश हिस्सों से देखी गई।
बादलों में घिर रेड मून
शहर में बादलों से घिरा रात 12.20 बजे लालिमा लिए हुए चंद्रग्रहण नजर आया। रात साढ़े 11 बजे बाद से धीरे-धीरे काली छाया वाला ग्रहण छंटना शुरू हुआ और चंद्रमा लाल ब्लड मून दिखने लगा। बीच-बीच में बादलों की वजह से यह धुंधला प्रतीत हुआ। कई बार यह भी सामने अया कि लालिमा लिए चांद बादलों में विलुप्त भी रहा। मून रिंग नजर आ रही थी।
मार्च में होगा चंद्रग्रहण
नासा वैज्ञानिकों के मुताबिक 2026 में दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण की अवधि 3 घंटे 27 मिनट होगी। यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखाई देगा। अगला ब्लड मून 177 दिनों बाद दिखाई देगा, जो उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह खगोलीय घटना 2 या 3 मार्च 2026 को आसमान में दिखाई देगी।

