पुलिस के अनुसार दमोह के खमरिया गांव में रहने वराले बिहारी पटेल उम्र 50 वर्ष व उनका छोटा भाई रघुवीर पटेल उर्फ वीरन खेतिहर मजदूर हैं। बिहारी ने गांव के ही सुख सिंह से उड़द फसल की कटाई का ठेका कम दाम पर ले लिया था। इस पर रघुवीर को आपत्ति थी। इसी बात को लेकर बीती रात दोनों भाइयों के बीच विवाद हो गया। उस वक्त तो परिजनों ने बीचबचाव कर मामला शांत कराया। आज सुबह बिहारी पटेल फसल कटाई के लिए जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में लाइसेंसी बंदूक लेकर बैठे वीरन ने गोली चला दी। जो बिहारी के सीने में जा लगी। फायरिंग की आवाज सुनकर बिहारी का बेटा प्रकाश मौके पर पहुंचा। पिता को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा देखा तो शोर मचाकर अपने दोस्तों को बुलाया और पिता को हटा सिविल अस्पताल पहुंचा। जहां इलाज के दौरान बिहारी पटेल की मौत हो गई। हत्या की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी पहुंच गए, जिन्हे पूछताछ में बिहारी की बहू वर्षा ने पुलिस को बताया कि चाचा रघुवीर सुबह बंदूक लेकर घर आए थे। मैंने कहा कि अगर मुझे मारना चाहते हो तो मार दो लेकिन उन्होंने कहा कि वे मुझे नहीं मारेंगे। इसके बाद वे चले गए। जब मेरे ससुर खेत जा रहे थे तो रास्ते में ही चाचा ने उन पर गोली चला दी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। बंदूक छीनकर कमरे में बंद कर दिया। सूचना मिलते ही एसडीओपी प्रिया सिंधी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचीं। एफआईआर दर्ज कर केस की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस बोली, जमीन कितनी ली थी, स्पष्ट नहीं
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ठेके पर फसल कटाई के लिए बड़े भाई बिहारी ने आरोपी वीरन से ज्यादा एकड़ जमीन ठेके पर ली थी। जमीन कितनी ली थी इसकी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है। इसी बात से आरोपी नाराज था। आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में फसल कटाई या ठेके पर ली गई खेती में रुपयों के लेन-देन की जगह अनाज का लेन-देन होता है। इसलिए यहां पर भी रुपयों के लेनदेन की बात सामने नहीं आई है। चार भाइयों में बिहारी सबसे बड़ा था। आरोपी वीरन तीसरे नंबर का है। उसकी पांच बेटियां और एक बेटा हैए जिसमें से एक बेटी की शादी हो चुकी है। वहीं बिहारी का एक बेटा प्रकाश पटेल है।
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