मेला घुमाने का कहकर चार साल की बच्ची का अपहरण, जबलपुर के बल्देवबाग क्षेत्र में मिली, निर्माणाधीन बिल्डिंग में छिपाए थे, मामा-भान्जे गिरफ्तार

 

जबलपुर। एमपी के सिवनी स्थित धूमा से चार साल की बच्ची तनुश्री को मेला घुमाने का कहकर अपहरण कर लिया गया। बच्ची के अचानक गायब होने से परिजन घबरा गए, पहले तो बच्ची की अपने स्तर पर तलाश की जब पता न चला तो पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तनुश्री को जबलपुर के बल्देवबाग स्थित एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस ने दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि वे बच्ची को मेला घुमाने के लिए लाए थे। बच्ची का मेडिकल भी कराया गया है, जिसमें कुछ गलत नहीं पाया गया। आरोपियों से विस्तार से पूछताछ की जा रही है।

                           पुलिस अधिकारियों के अनुसार 25 सितंबर की दोपहर बच्ची अपने घर के बाहर आंगन में दोस्तों के साथ खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाले दोनों युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गए। उस समय बच्ची की नानी खेमवती घर के अंदर खाना बना रही थी। शाम तक जब बच्ची वापस नहीं लौटी तो नानी ने मोहल्ले में ढूंढा सहित आसपास क्षेत्र में तलाश की लेकिन तनुश्री का कही पता नहीं चल सका। रातभर तलाश के बाद भी बच्ची न मिलने पर पुलिस को खबर दी गई। से मदद मांगी। पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और बच्ची की  धूमा, लखनादौन, छापरा थाने की पुलिस ने बच्ची की तलाश शुरू की। इसके साथ ही पड़ोसी जिले में बच्ची की फोटो भेजी गई। धूमा और आसपास के इलाकों में लगे 60 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए पर अपहरणकर्ता और बच्ची कहीं भी नजर नहीं आई। पुलिस ने बच्ची की फोटो के साथ गुमशुदगी की पोस्टर सिवनी, नरसिंहपुर, जबलपुर सहित ग्रामीणों क्षेत्रों में बंटवाते हुए तलाश शुरू की। इस बीच नानी ने पुलिस को बताया कि पड़ोस के गांव में रहने वाला रूपेश अक्सर उनके घर आया करता था जो कि बच्ची को बाइक में साथ घुमाता था। धूमा पुलिस ने रूपेश के गांव मढ़देवरी में दबिश दी, उसके पिता वीरन से पूछताछ की तो पता चला कि दो दिन से वह घर नहीं आया है। गांव में ही रहने वाला उसका भांजा यशवंत भी गायब है। पुलिस समझ गई कि बच्ची का मामा-भान्जे ने ही अपहरण किया है। पूछताछ के दौरान पता चला कि रूपेश जबलपुर में रहकर निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम करता है। सिवनी पुलिस ने जबलपुर पुलिस से संपर्क किया। जबलपुर में पुलिस अधिकारियों ने तलाश शुरु कर दी। पुलिस ने उन स्थानों पर तलाश की जहां पर रुपेश काम करता रहा। पुलिस को पता चला कि रुपेश बल्देवबाग क्षेत्र में बन रही निर्माणाधीन बिल्डिंग में कुछ दिनों पहले तक रूपेश काम करता था। पुलिस ने दबिश तो वहां पर रूपेश और यशवंत बच्ची के साथ छिपे मिल गए। पुलिस ने  बच्ची को कब्जे में लेते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर सिवनी पुलिस के हवाले कर दिया।

कुछ माह पहले भी घुमाने ले गया था- 

बच्ची की नानी ने सिवनी पुलिस को यह भी बताया कि कुछ माह पहले भी तनुश्री जब घर पर थी। तब रूपेश बाइक में बिठाकर घुमाने ले गया और दो-तीन घंटे बाद जब लौटकर घर आया तो उसे बहुत डांटा था। तब उसने कहा था कि बच्ची बाइक में घूमने की जिद कर रही थी, इसलिए उसे बिस्किट दिलाने ले गया था।

मां नागपुर में करती हैं नौकरी-

मासूम तनुश्री अपनी नानी के साथ धूमा में रहती है। उसकी मां नागपुर में प्राइवेट नौकरी करती हैं, जबकि पिता अलग रहते हैं। बच्ची के लापता होने की खबर से मां भी घबरा गई। 

पुलिस को गुमराह  करते रहे- 

पुलिस की पूछताछ में रूपेश और यशवंत लगातार गुमराह करते रहेए कभी कहते कि मेला गए थे, जरूरी काम आ जाने से जबलपुर आ गए, कभी कहते कि बच्ची जबलपुर में दुर्गा माता देखने की जिद कर रही थी, इसलिए उसे ले आए। पुलिस ने जब आरोपियों से पूछा कि जिस बाइक से जबलपुर आए थे वह कहां है, तो कभी कहते कि सुकरी गांव में छोड़ दिया है, तो कभी कहते कि बरगी में खड़ी की गई है। रूपेश का कहना है कि धूमा से बच्ची को लेकर घूमने निकले थे, कुछ दूर तक आने के बाद शराब पीए इसके बाद होश नहीं कि कब जबलपुर आ गए। पुलिस आरोपियों की बाइक अभी भी तलाश कर रही है।


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