नियम के हिसाब से खाद मांगा तो की पिटाई
दरअसल पूरा मामला किसान समृद्धि केन्द्र जवा महूहाटोला का है। जहां पर किसान खाद लेने गया हुआ था। किसान प्रभु दयाल आदिवासी ने बताया कि जब मैं अपना टोकन लेकर काउंटर पर पहुंचा तो वहां के कर्मचारियों ने मुझे दो बोरी खाद देने के लिए बोला। तब मैंने कहा कि एक टोकन में पांच बोरी खाद देने का नियम आप लोगों ने बनाया है। गांव के सभी प्रतिष्ठित और ऊंचे तबके के लोगों को भी इसी तरह से खाद दी गई है। इसलिए मुझे भी पांच बोरी खाद दी जाए।
किसान बोला, थाने में भी टॉर्चर किया
मेरे विनम्रतापूर्वक इतना निवेदन करते ही उपस्थित पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक अनुराग तिवारी और आरक्षक शिवेंद्र मिश्रा गाली गलौज करने लगे। इसके बाद उन्होंने लात घूंसे से मुझे मारा। साथ ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हुए मुझे गाड़ी में बैठाकर जवा थाने भी लाया गया। मुझ पर लगातार एक के बाद एक कई प्रहार किए गए। मैं मारपीट से डर गया और सहम गया। आखिर खाद मांगकर इतना बड़ा क्या गुनाह कर दिया मुझे यही बात नहीं समझ आ रही थी। फिर थाने ले जाकर भी मुझे टॉर्चर किया। इसके पहले मुझे रास्ते में टॉर्चर किया गया।
आदिवासी संगठन ने जताया विरोध-
आदिवासी संगठन की तरफ से विकास कोल ने घटना का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस की ऐसी हरकत की वजह से किसानों, आम जनता और आदिवासी समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाय तो आम जनता को न्याय कहां से मिलेगा। आदिवासी समाज का का व्यक्ति था इसलिए जलील किया गया और मारा गया। नहीं तो बड़े लोगों को पुलिस हाथ नहीं लगा पाती। उनके सामने हाथ जोड़कर दादा दादा करती है और नतमस्तक हो जाती है। उधर पूरे मामले में जवा थाना पुलिस का कहना है कि जिस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा था वो शराब के नशे में था। खाद वितरण केंद्र पर वह हंगामा कर रहा था, जिस वजह से पुलिस ने सख्ती दिखाई।