पितृ पक्ष में माना जाता है कि पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा दिए गए तर्पण को ग्रहण करते हैं। यही कारण है कि इस दिन पितरों को विसर्जित करने और उन्हें जल-अन्न देने की परंपरा का निर्वहन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग ग्वारीघाट पहुंचे हैं। लोगों ने नर्मदा के पवित्र जल में स्नान कर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद, उन्होंने विधि-विधान से तर्पण और पिंडदान किया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम भी मुस्तैद दिखी। घाट पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो।
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