जबलपुर। एमपी के जबलपुर में मत्स्य पालन विभाग ने प्रतिबंधित थाइलैंड मांगुर मछली पर कार्रवाई की है। विभाग ने मछली के लगभग 8000 बच्चे जब्त किए हैं। यह कार्रवाई मत्स्य पालन विभाग के सहायक संचालक राजा राज तिलक धुर्वे ने की है। इस आक्रामक प्रजाति की मछली को भारत सरकार ने जैव विविधता बॉयो डायवर्सिटी और स्थानीय जलीय पारिस्थितिकी तंत्र इको सिस्टम को होने वाले गंभीर नुकसान के कारण प्रतिबंधित किया है।
बताया गया है कि इन मछलियों को किसी तालाब में डालने से पहले ही पकड़ लिया गया। जिससे स्थानीय जलीय जीवन को होने वाले संभावित नुकसान को टाला जा सका। थाइलैंड मांगुर मछली एक अत्यंत आक्रामक और मांसाहारी मछली है। यह अन्य मछलियों, यहां तक कि स्थानीय प्रजातियों को भी खा जाती है। जिससे जलीय जैव विविधता को गंभीर खतरा होता है। जहां भी मिले उसे तुरंत नष्ट कर देने के निर्देश है। एनजीटी ने थाइलैंड मांगुर मछली को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है। सरकार का निर्देश है कि जहां भी इस तरह की प्रतिबंधित मछलियां पाई जाती हैं, उन्हें तुरंत नष्ट कर दिया जाए। पकड़े गए मछली के बच्चों को गोकलपुर स्थित शासकीय परिक्षेत्र में ले जाकर गड्ढा खोदकर नष्ट कर दिया गया। यह सुनिश्चित किया जाता है कि ये आक्रामक प्रजातियां हमारे जल निकायों में प्रवेश न कर पाएं और हमारे स्थानीय जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखा जा सके। इस मछली की तस्करी की वजह यह है कि यह किसी भी तरह के पानी में आसानी से जीवित रह सकती है। यहां तक कि बेहद प्रदूषित और गंदे पानी में भी तेजी से बढ़ती है। कम लागत और कम समय में अधिक ग्रोथ मिलने के कारण इसका पालन एक बहुत ही आकर्षक व्यवसाय बन जाता है।