मुंबई. अगर आप भी एयरलाइंस की लापरवाही से परेशान हैं , तो यह खबर आपको हिम्मत दे सकती है. मुंबई के मुलुंड निवासी दिनेश हेमराजानी को स्पाइसजेट की तरफ से 14 घंटे की लंबी देरी के दौरान सिर्फ एक बर्गर और फ्राइज पर टरका दिया गया . लेकिन अब जिला उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को 50 हजार रुपये हर्जाना और 5000 रुपये कानूनी खर्च के रूप में अदा करने का आदेश दिया है.
दिनेश हेमराजानी ने 27 जुलाई 2024 को दुबई से मुंबई की फ्लाइट एसजी 60 बुक की थी. यह फ्लाइट शाम 4 बजे रवाना होनी थी , लेकिन टेक-ऑफ हुआ अगली सुबह 6:10 बजे यानी 14 घंटे की देरी हेमराजानी का कहना है कि इस लंबी देरी के दौरान यात्रियों को न तो ढंग का खाना दिया गया और न ही कोई होटल में ठहरने की व्यवस्था. सिर्फ एक बार बर्गर और फ्राइज दिए गए . इसके अलावा कोई स्पष्ट जानकारी या अपडेट भी नहीं दिया गया.
आयोग ने क्या कहा ?
उपभोक्ता आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी परिस्थिति में यात्रियों को पूरा खाना, पानी और आराम करने की जगह देना एयरलाइन की जिम्मेदारी है. यात्रियों को देरी के बारे में समय-समय पर जानकारी देना जरूरी है. स्पाइसजेट ने सिर्फ CAR (Civil Aviation Requirements) और CAA (Carriage by Air Act) का हवाला दिया, लेकिन यह साबित नहीं किया कि उन्होंने जरूरी इंतजाम किए. आयोग ने कहा कि यदि एयरलाइन यह दावा करती है कि उसने सभी जरूरी कदम उठाए, तो उसे इसके साक्ष्य देने होंगे, जैसे कि फ्लाइट लॉग, यात्रियों को भेजे गए नोटिस व अन्य संचार. लेकिन इस मामले में एयरलाइन कुछ भी ठोस पेश नहीं कर सकी.
एयरलाइन का बचाव क्या था?
स्पाइसजेट ने कहा कि सभी यात्री ई-टिकट की शर्तों से बंधे होते हैं. देरी ऑपरेशनल और टेक्निकल कारणों से हुई , जो एयरलाइन के नियंत्रण से बाहर थे. CAR और CAA के नियमों के अनुसार, ऐसी स्थितियों में एयरलाइन जिम्मेदार नहीं होती. लेकिन आयोग ने इन दलीलों को खारिज कर दिया क्योंकि एयरलाइन ने कोई सबूत नहीं दिया कि उसने यात्रियों के लिए सही व्यवस्था की थी.