वारदात को अंजाम देने के बाद से ही मदन शहर छोड़कर फरार हो गया था। इस बीच पुलिस ने उसके साथी सत्यम पंडित, दीपक पटेल और आयुष राजपूत को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन मदन जायसवाल गिरफ्त से बाहर था। जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने मदन जायसवाल के ऊपर 10 हजार का इनाम घोषित किया था। दिलीप सिंह सग्गू के हत्यारों को लगातार जबलपुर पुलिस तलाश कर रही थी, इस बीच विजय नगर थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह पवार को मुखबिर से सूचना मिली कि 10 हजार का फरार आरोपी मदन जबलपुर आईएसबीटी के पास देखा गया हैए जो कि अपना चेहरा छिपाकर घूम रहा है। जानकारी लगते ही टीआई टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घेराबंदी करते हुए उसे गिरफ्तार किया। आज पुलिस ने मदन को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। दिलीप सिंह सग्गू हत्याकांड का एक आरोपी पीयूष चड़ार अभी फरार है, जिसकी पुलिस तालाश कर रही है। गौरतलब है कि 8 जून 2025 को आईएसबीटी स्थित विजय नगर शराब दुकान के मैनेजर दिलीप सिंह सग्गू बैठकर काम कर रहे थे, इसी दौरान मदन जायसवाल उनके पास पहुंचा और कम पैसे देकर शराब मांगने लगा। दिलीप ने जब शराब देने से मना किया तो आरोपी ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर दुकान पर पथराव कर दिया। जैसे-तैसे कर्मचारियों ने काउंटर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई। कुछ देर बाद दिलीप सिंह जैसे ही दुकान से बाहर निकले तो मदन और उसके साथियों ने पथराव कर दिया। जिससे कि एक बड़ा पत्थर दिलीप के सिर पर लगा और वहीं पर गिर गए। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। वारदात के बाद मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने ठेकेदार को घटना की सूचना दी। गंभीर रूप से घायल हालत में दिलीप सिंह को दमोहनाका स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां हालत नाजुक होने के कारण उन्हें नागपुर रेफर कर दिया गया। हालत में सुधार ना होने पर परिजन उन्हें वापस जबलपुर ले आए। तीन माह बाद 12 सितंबर को इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में दिलीप सिंह की मौत हो गई। विजयनगर थाना पुलिस ने मृत्यु के बाद प्रकरण में धारा 103 (1) का इजाफा कर आरोपियों की तालाश शुरू कर दी।