खदानों पर ' सीएम ' की तिरछी नजर, अफसरों को छूटे पसीनें


कटनी, उमरिया, शहडोल की खदानों में एक्सेस खुदाई की रिकवरी का मामला, विधायक की तीन खदानों के सामने आने से प्रशासन ने साधी चुप्पी

जबलपुर। कटनी, उमरिया और शहडोल की खदानों पर प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव के सदन में टिप्पणी करने से खदान मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। एक्सेस मीनिंग पर रिकवरी निकालने के बाद अब उमरिया, कटनी सहित शहडोल की रेत खदानों के सरेंडर किए जाने की खबरें सामने आ रही है। खदान से जुड़ी कंपनियां खुद को बचाने की कोशिश कर रही हैं। एक्सेस मीनिंग की कार्यवाही होने के बाद इन खदानों को सरेंडर करने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन खदानों में भाजपा विघायक संजय पाठक की तीन खदानों का होना भी सामने आ रहा है। रेत खदानों में विजयराघवगढ़ के विधायक संजय पाठक का इंवॉल्वमेंट आज का नहीं बल्कि एक दशक से भी अधिक समय का बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री के पास खनिज मंत्रालय होने से इस क्षेत्र की 22 खदानों के मापिफयाओं की घिग्गी बंधी हुई है। 

एक्सेस खुदाई : जानकार कहते हैं कि शासन के द्वारा तय खदानों की सीमा से अधिक खुदाई की गई है। जाहिर है कि लंबे समत तक इस खुदाई में विभाग के अफसरों की मिलीभगत की बू आ रही है। अब रिकवरी करने में अफसरों के हाथ कांप रहे हैं।

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