जबलपुर। मझगवां के अगरिया गांव की नहर में दो बेटों ने अपने पिता को ठिकाने लगा दिया। दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले बेटों ने अपने पिता के हाथ-पैर बांधकर उन्हें जिंदा नहर में फेंक दिया। दो दिन लाश मिलने से मृतक के भतीजे ने मामले का खुलासा किया। पुलिस प्रकरण दर्ज करके छानबीन कर रही है।
मझगवां पुलिस ने बताया कि मंगलवार को बुढरी पुलिया के आगे नहर में एक व्यक्ति का शव पानी में उतराता मिला। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। उधर, मृतक का भतीजा शंकर लाल कुम्हार भी मौके पर पहुंच गया था। शंकर ने पुलिस को बताया कि मृतक गिरानी उसका चाचा है। रविवार के दिन वह शराब में धुत्त थे। रात 10 बजे उनके घर से लड़ाई होने की आवाज आ रही थी। आवास सुनकर वह उनके घर जा रहा था। तभी रास्ते में चाचा गिरानी के हाथ बांधकर उनके बेटे अजय और संतोष उन्हें कहीं ले जा रहे थे। पूछने पर उन्होंने कहा कि वे उन्हें सिद्ध बाबा की ओर ले जा रहे हैं। ये शराब पीकर बहुत झगड़ा करते हैं।
बेटे वापस आ गए
शंकर ने पुलिस को बताया कि कुछ देर में अजय और संतोष आते दिखे लेकिन उनके साथ गिरानी नहीं थे। पूछने पर उन्होंने कहा कि वे पिता को सिद्घबाबा में छोड़ आए हैं। शंकर का कहना है कि कुछ देर बाद वह चाचा गिरानी को देखने अपने बेटे के साथ वहां गया, लेकिन उसे गिरानी नहीं मिले।
लापता हो गए चाचा
शंकर का कहना है कि दूसरे दिन सोमवार को चाचा के लापता होने की चर्चाएं होने लगी। चाचा के बारे में उनके बेटे अजय और संतोष से पूछताछ की तो उन्होंने कुछ नहीं बताया, लेकिन जब पुलिस मे रिपोर्ट करने की बात की तो बेटों ने कहा कि कोड़ा मकुरा नर्मदा नहर पुलिया के पास गिरानी के हाथ-पैर बांधकर उन्हें नहर के पानी में फेंक दिया था।
घटनास्थल पर पहुंचे गांववाले
दोनों बेटों के बताए स्थान पर गांववाले पहुंचे। गांव वालों को स्पॉट पर कुछ नहीं मिला। वे पानी के बहाव की वजह से खोजबीन करने लगे। गांववालों को बुढरी पुलिया के पास एक व्यक्ति पानी में उतराता मिला, जिसके हाथ पैर रस्सी और गमछे से बंधे हुए थे। मौके पर पुलिस को सूचना देते हुए गांव वालों ने शव पानी से बाहर निकाला तो उसकी शिनाख्त गिरानी के रूप में हो सकी।