सोशल मीडिया पर एक फोटो डाली थी-
एटीएस ने पांच साल पहले सोशल मीडिया से एक फोटो रिकवर की। फोटो में युवक AK-47 के साथ था। जानकारी जुटाई गई तो पता चला युवक का नाम सोहबत खान है जो कि अफगानिस्तान का रहने वाला है। लेकिन कुछ वर्षो से जबलपुर में अवैध रूप से छिपकर रह रहा है। ATS ने सोहबत खान के बारे में जानकारी एकत्र की तो पता चला कि जबलपुर की एक महिला से शादी कर ली है। इसके बाद पासपोर्ट के लिए उसने अपना आधारकार्ड भी बनवा लिया। एटीएस ने सोहबत खान को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो जबलपुर में वन विभाग में पदस्थ दिनेश गर्ग, शंकरशाह नगर में रहने वाले चंदन सिंह व कटंगा निवासी महेश सुखदान के नाम सामने आए। फर्जी पासपोर्ट बनवाने में सभी के अलग-अलग जिम्मेदारी थी। इसके लिए सोहबत खान उन्हें अच्छी खासी रकम भी देता था।
छोटी ओमती में आठ नल के पास किराए से रहता था सोहबत खान-
ATS को पता चला कि सोहबत खान छोटी ओमती के आठ नल के पास किराए के मकान में रहता था। वह 2015 में भारत आया था। यहां उसने शादी करने के बाद फर्जी आधार कार्ड, पेनकार्ड, मूल निवासी, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेज बनवा लिए थे। उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर 2020 में सोहबत खान ने फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया था।
डॉक्टर की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी के बाद सोहबत खान की गैंग के सदस्य चंदन गर्ग ने स्वयं को HIV पॉजिटिव बताया था। जिला अस्पताल में उसकी जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई। ATS ने फिर से जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इससे जिला अस्पताल के डॉक्टर की भूमिका पर संदेश किया जा रहा है।