भारत पर अमेरिका ने लगाया 50 प्रतिशत का टैरिफ, 25 प्रतिशत आज से लगेगा, ज्वेलरी-टेक्सटाइल सेक्टर को ज्यादा नुकसान, एक्सपोर्ट आधा हो सकता है


           नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ये आज से लागू हो रहा है। एडिशनल 25 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से लगेगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ये आज से लागू हो रहा है। एडिशनल 25 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से लगेगा।

                         भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर आज से 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। वहीं 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। अभी भारतीय सामानों पर करीब 10 प्रतिशत टैरिफ लगता था। नए टैरिफ लगने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा टैरिफ के कारण अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50प्रतिशत की कमी आस सकती है। हालांकिए भारत के एक्सपोर्टर्स ने कहा प्रतिशत माल बेचने के किए उनके पास अमेरिका के अलावा दुनिया भर के बाजार हैं। ज्वैलरी जैसे कई सेक्टर्स में भारत का अमेरिका को निर्यात टैरिफ कम होने की वजह ज्यादा है। अब एक्सपोर्टर्स दुनिया के बाकी बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। 

सेक्शन 232 अमेरिकी व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर आयात पर टैरिफ लगाने की अनुमति देता है। यदि आयात देश की सुरक्षा के लिए खतरा है तो वाणिज्य विभाग जांच करता है और टैरिफ की सिफारिश करता है। सेक्शन 232 की समीक्षा के बाद टैरिफ पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सेक्शन 232 टैरिफ की घोषणा के बाद अगर 25प्रतिशत का नया टैरिफ लागू होता है तो अमेरिका में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे हो जाएंगे और निर्यात पर इसका असर पड़ेगा।

पहले की स्थिति-

भारत ने 2024 में 19.16 बिलियन डॉलर (करीब 1.68 लाख करोड़ रुपए) के इंजीनियरिंग गुड्स निर्यात किए। इसमें स्टील प्रोडक्ट्स, मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, और अन्य औद्योगिक उपकरण शामिल हैं।

वर्तमान टैरिफ-

मौजूदा टैरिफरू 5 प्रतिशत प्लस़10 प्रतिशत बराबर 15 प्रतिशत, कई इंजीनियरिंग उत्पादों को सेक्शन 232 के तहत छूट भी। अप्रैल 2025 में 10 प्रतिशत टैरिफ ऐलान से पहले इस कैटेगरी पर टैरिफ करीब 5 प्रतिशत था।

-100 डॉलर का पार्ट अमेरिका में 115 डॉलर में बिकता है।

टैरिफ के बाद-

नया टैरिफ- 5 प्रतिशत प्लस 5प्रतिशत बराबर 30 प्रतिशत

नई लागत- 100 डॉलर का सामान अब 130 डॉलर में पड़ेगा।

असर- कीमत बढऩे से निर्यात में 10-15 प्रतिशत की कमी संभव।

प्रभावित कंपनियां- भारत फोर्ज, टाटा स्टील व एल एंड टी आदि। 

- लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। छोटे व मध्यम उद्यम सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जो इंजीनियरिंग गुड्स के 40 प्रतिशत निर्यात में योगदान देते हैं।

क्या करेगा भारत-

यूरोप (जर्मनी, यूके) व एशियाई देशों देशों सिंगापुर, मलेशिया में इंजीनियरिंग गुड्स की मांग बढ़ रही है। भारत इन बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।

-इंजीनियरिंग गुड्स के लिए पीएलआई स्कीम का विस्तार करके उत्पादन लागत को कम करना ताकि कंपनियां अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धी रहें।

टैरिफ के कारण शिपमेंट में कमी आने की संभावना-

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट एंड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि अगर अमेरिका अपनी योजना के साथ आगे बढ़ता है और स्टील, एल्यूमीनियम और उनके डेरिवेटिव्स पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाता है तो इन प्रमुख वस्तुओं का निर्यात महंगा हो जाएगा। इससे शिपमेंट में कमी आने की संभावना है। हमें लगभग तीन महीने तक इंतजार करना होगा यह देखने के लिए कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं। इसके बाद हम कोई रणनीति बना सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में ऊंचे टैरिफ की आशंका के चलते ऑर्डर पहले से ही ज्यादा ले लिए गए थे।

-इलेक्ट्रॉनिक्स- स्मार्टफोन पर ज्यादा असर

पहले की स्थिति-

भारत ने 2024 में अमेरिका को 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.23 लाख करोड़ रुपए) के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात किया था। इसमें स्मार्टफोन खासतौर पर आईफोन का बड़ा हिस्सा था। भारत अमेरिका का आईफोन का सबसे बड़ा सप्लायर है। अप्रैल में जब डोनाल्ड ट्रम्प ने पहली बार टैरिफ का ऐलान किया था उससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स पर एवरेज 0.41 प्रतिशत का टैरिफ लगता था।


उदाहरण- 100 डॉलर का स्मार्टफोन अमेरिका में 100.41 डॉलर में बिकता था।

अमेरिका में बिकने वाले 44 प्रतिशत स्मार्टफोन भारत में बनते हैं।

टैरिफ के बाद-

अभी इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट है। जब तक सेक्शन 232 टैरिफ की घोषणा नहीं होती तब तक अमेरिका को एपल, सैमसंग जैसे स्मार्टफोन्स के निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


नया टैरिफ 25 प्रतिशत-

नई लागत, 100 डॉलर का स्मार्टफोन करीब 125 डॉलर में पड़ेगा।

असर, कीमत में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी, जिससे मांग में 20-25 प्रतिशत की कमी संभव।

प्रभावित कंपनियां- एपल और डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां।

पहले की स्थिति-

भारत ने 2024 में अमेरिका को 10.52 बिलियन डॉलर यानी करीब 92 हजार करोड़ रुपए की दवाओं का निर्यात किया था। ये अमेरिकी प्रिस्क्रिप्शन का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा है। अगर ये लागू होता है तो अमेरिका और भारत दोनों पर असर पड़ेगा।

एक्सपोर्टर बोले, हमसे ज्यादा असर अमेरिका पर

जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल में सूरत रीजन के प्रेसिडेंट जयंती सावलिया ने कहा कि दुनियाभर के ज्वेलरी मार्केट में हमारी हिस्सेदारी 6 प्रतिशत ही है। हमारे पास अभी 94 प्रतिशत मार्केट के लिए जगह है। यूएस मार्केट में अभी तक एक्सपोर्ट हम इसलिए कर रहे थे क्योंकि टैरिफ कम था।

अब सीधा 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगाए लेकिन ये धीरे-धीरे स्टेबल भी हो जाएगा। हमसे ज्यादा असर तो अमेरिका को ही होगा। उन्होंने ये भी कहा कि टैरिफ बढ़ाए जाने की खबर से एक्सपोर्ट डबल-ट्रिपल हो गया है। 7 अगस्त से पहले लोग माल बेचकर टैरिफ से बचना चाहते हैं। इससे अगले 3-4 महीने तक माल की रिक्वायरमेंट नहीं रहेगी। हालांकि अभी आगे क्या सिचुएशन होगी इसके बारे में कोई नहीं बता सकता।

टेक्सटाइल- कपड़ों की मांग पर ब्रेक-

पहले की स्थिति-

भारत ने 2024 में अमेरिका को 10 बिलियन डॉलरए यानी करीब 87 हजार करोड़ के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट किए थे। इसमें रेडीमेड गार्मेंट से लेकर कॉटन यार्न और कारपेट शामिल है।

100 का कपड़ा अमेरिका में 120 डॉलर में बिकता था।

टैरिफ के बाद-

नई लागत- 100 डॉलर का कपड़ा अब 135 डॉलर में पड़ेगा।

असर- कीमत में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी, जिससे मांग में 20-25 प्रतिशत की कमी संभव।

प्रभावित कंपनियां- केपीआर मिल, अरविंद, वर्धमान टेक्सटाइल्स।

आटोमोबाइलरू ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट पर असर-

पहले की स्थिति-

2024 में भारत ने अमेरिका को केवल 8.9 मिलियन डॉलर की पैसेंजर कार्स एक्सपोर्ट कीं, जो देश के कुल 6.98 बिलियन डॉलर के निर्यात का सिर्फ 0.13 प्रतिशत है। वहीं अमेरिका को सिर्फ 12.5 मिलियन डॉलर के ट्रक निर्यात किए गए, जो भारत के वैश्विक ट्रक निर्यात का 0.89 प्रतिशत है। ये आंकड़े इस सेक्टर की सीमित जोखिम को दर्शाते हैं। सबसे ज्यादा ध्यान देने वाला सेगमेंट है ऑटो पार्ट्स। 2024 में भारत ने अमेरिका को 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 19 हजार करोड़ रुपए) के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए जो इसके वैश्विक ऑटो पार्ट्स निर्यात का 29.ण्1 प्रतिशत है। अमेरिका ने पिछले साल वैश्विक स्तर पर 89 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए, जिसमें मैक्सिको का हिस्सा 36 बिलियन डॉलरए चीन का 10ण्1 बिलियन डॉलर और भारत का सिर्फ 2.2 बिलियन डॉलर था।

मौजूदा टैरिफ- ट्रंप प्रशासन ने मई 2025 से भारत से आयात होने वाले पैसेंजर वाहनों और कुछ चुनिंदा ऑटो कंपोनेंट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।

टैरिफ के बाद-

प्रभावित कंपनियां- टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज, समवर्धन मदरसन।

चुनौती- वियतनाम और मैक्सिको जैसे देशों से कड़ा मुकाबला, जो सस्ते विकल्प दे सकते हैं।

क्या है टैरिफ-

टैरिफ यानी आयात शुल्क। जब कोई देश दूसरे देश से सामान खरीदता है तो उस पर कुछ टैक्स लगाता है उसे टैरिफ कहते हैं। ट्रम्प का कहना है कि भारत अमेरिकी सामानों पर बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है जबकि अमेरिका भारतीय सामानों पर कम टैक्स लगाता है।


ट्रम्प को लगता है कि ये नाइंसाफी है। इसलिए उन्होंने अपनी पारस्परिक टैरिफ नीति के तहत भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि भारत ने उनके सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाए तो अब वे भी भारत के सामानों पर भारी टैरिफ लगाएंगे। साथ ही ट्रम्प ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भी नाराजगी जताई है।


Post a Comment

Previous Post Next Post