अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट पर बेस्ड है प्रोसेस-
-स्कूल शिक्षा विभाग की यह पहल मुख्य रूप से बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) पर केंद्रित है।
-इसमें बच्चों के आधार कार्ड में उंगलियों के निशानए आईरिस स्कैन और एक तस्वीर अपडेट करना शामिल है।
-पहला अपडेट तब आवश्यक है जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाए।
-पहला एमबीयू 5 से 7 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निशुल्क है।
-विद्यार्थी की उम्र 7 वर्ष की आयु से अधिक होने के बाद शुल्क लागू होगा।
-दूसरा एमबीयू तब आवश्यक है, जब विद्यार्थी 15 वर्ष का हो जाएगा।
-तीसरा एमबीयू 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निशुल्क है, लेकिन 17 वर्ष की आयु के बाद शुल्क लागू होगा।
जरूरी हो गया बायोमैट्रिक्स आधार कार्ड-
विभाग के अधिकारियोंं के अनुसार अपडेटेड बायोमैट्रिक्स वाला आधार कार्ड, स्कूल प्रवेश, प्रवेश परीक्षा, छात्रवृत्ति व डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी है। इसीलिए सरकार विद्यार्थियों की आधार आईडी भी 100 प्रतिशत बनाने का लक्ष्य रख रही है।
छात्रों के लिए फायदेमंद रहेगा अभियान-
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि विद्यार्थी के लिए आधार अब विद्यालय के द्वारा अभियान के अंतर्गत बनेगा। सरकारी स्कूलों में आधार शिविर न केवल छात्रों को अपना अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट करवाने में सुविधा प्रदान करेंगे बल्कि आवश्यक होने पर आधार में नाम सुधार, अपार आईडी बनाने के लिए व मोबाइल नंबर अपडेट के लिए भी उन्हें सुविधा प्रदान करेंगे। जिला प्रशासन को अपने-अपने जिलों में आधार शिविर योजना का प्रचार करने के लिए कहा गया है।