जबलपुर. एमपी के जबलपुर में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पोस्ट आफिस के तीन अधिकारियों को भ्रष्टाचार, गबन व धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार दिया है और कठोर कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित किया है, मामला 17 नवम्बर 2022 में दर्ज हुआ था जिसमें लम्बी सुनवाई के बाद आरोपियों को अदालत ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
सीबीआई कोर्ट ने सागर जिले के बीना एलएसजी डाकघर में पदस्थ रहे उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार, हेमंत सिंह और रानू नामदेव को 1 करोड़ 21 लाख रु से ज्यादा की राशि का हेरफेर का दोषी मानते हुए अलग अलग सजा और जुर्माने से दंतित किया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
तीनों तत्कालीन अधिकारियों ने 1 जनवरी 2020 से 5 जुलाई 2021 के बीच डाकघर में जमा किये गए लोगों के 1 करोड़ 21 लाख रुपये में हेरफेर कर उन्हें फर्जी पासबुक जारी कर दी, कुछ जमाकर्ता जब अवधि पूरी होने के बाद पैसा निकालने पहुंचें तो मालूम चला कि पैसा तो निकल चुका है, मामले का खुलासा होने के बाद सीबी आई में शिकायत की गई।
1 करोड़ 21 लाख से अधिक के गबन का खुलासा
सीबीआई की जाँच में सामने आया कि उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार, हेमंत सिंह और रानू नामदेव ने सरकारी पद का न सिर्फ दुरुपयोग किया, बल्कि सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान पहुंचाया, इन लोगों ने जमाकर्ताओं के 1 करोड़ 21 लाख 82 हजार 921 रुपये गलत तरीके से निकाल कर गबन किया।
तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया
जाँच के बाद सीबीआई ने तीनों अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार, जालसाजी व धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर 2023 में जबलपुर के सीबीआई विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया, सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत किये, गवाहों के बयान हुए जिसके आधार पर कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। विशेष न्यायाधीश ने तत्कालीन उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार को 5 साल कारावास की सजा और 39 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया, हेमंत सिंह को 4 साल की सजा और 7 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया और रानू नामदेव को भी 4 साल के कठोर कारावास सुनाया साथ ही साथ 7 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।