जबलपुर निवासी केएम वैशाली के 172.92 अंक व 99.02 प्रतिशत होने पर भी उनका नाम न तो चयन सूची में था और न ही प्रतीक्षा सूची में। इसके बाद केएम वैशाली ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें उन अभ्यर्थियों को भी पक्षकार बनाया गया है। जिनके कम अंक होने के बावजूद सिलेक्ट कर लिया गया। याचिका पर आज प्रारंभिक सुनवाई जस्टिस एमएस भट्टी की खंडपीठ ने की है। याचिका में उठाई गई बातों को गंभीरता से लेते हुए को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन कर लिया है। याचिकाकर्त्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, हितेंद्र गोल्हानी, अभिलाषा सिंह लोधी ने पक्ष रखा।