गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार 23 जुलाई की सुबह हंगामा कर दिया। करीब 600 महिला सिपाही रोती-चिल्लाती ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ गईं। उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। एक ट्रेनी महिला सिपाही ने कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हुए हैं। हमारे वीडियो बन गए।
क्या उनको वापस किया जाएगा। अब क्या हो सकता। कल कुछ अफसर आए थे, लेकिन वह सुनाकर चले गए। यहीं नहीं, लड़कियों ने आरोप लगाए कि ट्रेनिंग सेंटर में 360 लोगों के रहने का इंतजाम है। लेकिन यहां 600 लड़कियां रह रहीं हैं। हंगामे की सूचना पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनर और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वह आक्रोशित महिला सिपाहियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल, गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है। यह ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हुई है। घटना बुधवार सुबह करीब 8 बजे 600 महिला रिक्रूटर्स हंगामा करने लगीं। लखनऊ से ट्रेनिंग करने आई एक महिला ने बताया- पूरी रात बिजली नहीं थी। यहां पर जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में रात भर सभी रिक्रूटर्स को जाग कर बिताना पड़ा। सुबह उठने पर वॉशरूम में पानी नहीं आता है।
महिला रिक्रूटर्स का आरोप है- दिन भर में यहां केवल आधा लीटर पानी मिलता है। बहुत ही कम क्षमता वाला RO लगाया गया है। खाने का भी इंतजाम अच्छा नहीं है। हमारी मांग है- जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता, तब तक वे ट्रेनिंग नहीं करेंगी।
अविवाहित महिला के प्रेग्नेंसी टेस्ट से बवाल
गोरखपुर पीटीएस में महिला रिक्रूट की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई। उससे पहले उनके स्वास्थ्य की जांच होनी थी। इसी बीच डीआईजी रोहन पी ने प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए CMO को पत्र लिख मेडिकल टीम बुलाई गई। इस आदेश से हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी महिला आरक्षी की जांच नहीं कराई जाएगी। यदि कोई रिक्रूट प्रेग्नेंट है तो वह स्वयं शपथ पत्र देकर बाद के बैच में जा सकती।
यह कहता है नियम शादीशुदा आरक्षी की जांच होती है, जबकि अविवाहित युवतियों को एक शपथ पत्र देना होता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं हैं। जो प्रेग्नेंट होती हैं तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है।