GCF : चार्जमेन का दो साल का इंक्रीमेंट रोक दिया, पटाखा व्यापारी संघ से लिए थे 20,000


दुकान लगाने व्यापारी संघ से की थी सांठगांठ, फैक्ट्री ने किया डिमोशन

जबलपुर। भारतीय सेना के लिए धनुष सहित अन्य तोपें बनाने वाली गन कैरिज फैक्ट्री जीसीएफ में रिश्वत खोरी के मामले में एक चार्जमेन को बड़ी सजा दी है। इसका दो साल का इंक्रीमेंट रोक दिया गया है। इसका डिमोशन भी कर दिया है। मामला था दीवाली के समय पटाखा दुकान लगाने में व्यापारी संघ के साथ सांठगांठ करके 20,000 रूपए लेने का। फैक्ट्री ने जांच के बाद चार्जकेन के वेतन को दो वर्षों के लिए न्यूनतम स्तर पर ले जाने के आदेश दिए हैं। निर्माणी के प्रशासनिक आदेश में कहा गया है कि पटाखा दुकानों को स्थान आवंटन में कर्मचारी द्वारा कई अनियमितताएं की गईं थीं। लिहाजा, इस दौरान वेतन वृद्धि का लाभ भी नहीं दिया जाएगा।

फैक्ट्री के सूत्रों के मुताबिक जीसीएफ फैक्ट्री के यार्ड एंड इस्टेट अनुभाग में पदस्थ चार्जमेन कुमार संजय पर आरोप था कि उसने पटाखा व्यापारियों को न्यू लाइन मैदान में दुकान लगाने की अनुमति देने के नाम पर अवैध रूप से 20 हजार रुपए लिए थे। चार्जमेन ने किराए की कच्ची रसीदें भी थमाई थीं। बताया जाता है कि संपदा अधिकारी ने पहले ही दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी थी। आरोप यह है कि पटाखा व्यापारी संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर, जब चार्जमेन से मिले तो उसने जीसीएफ प्रशासन के संज्ञान में लाए बिना ही गैर.कानूनी तरीके से दुकान लगाने की अनुमति दे दी और किराया भी वसूल लिया। मामला तब खुला जब पटाखा व्यापारियों ने जीसीएफ गेट के सामने हंगामा किया और इसकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई को की थी।

जीसीएफ के मुख्यालय कानपुर से निर्देश जारी होने पर चार्जमेन के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू की गई। व्यापारियों ने सबूत के तौर पर वीडियो और कच्ची रसीदें प्रशासन को सौंपी थीं। जांच के उपरांत, आरोप पूरी तरह से सिद्ध पाए गए। 3 जुलाई को जारी आदेश में आरोपी चार्जमेन को निम्नतम वेतनमान पर पदावनत करने के साथ-साथ दो वर्ष की वेतनवृद्धि रोकने की सजा सुनाई गई है। 

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