आरपीएफ ने किया रेस्क्यू, विदिशा-रतलाम में उतारे बच्चे
विदिशा। विदिशा रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने रेस्क्यू करके ट्रे्न में सवार बच्चों को प्लेटफॉर्म पर उतार लिया है। यह घटना गुरूवार रात की है। बच्चों से पूछताछ की गई तो चौकाने वाला मामला सामने आया, जहां कथित दलाल उन्हें पढ़ने के बहाने मजदूरी करने ले जा रहे थे। इसके लिए बच्चों के पालकों को एडवांस भी देकर आए थे। फिलहाल, आरपीएपफ बच्चों के साथ लोगों से पूछताछ की रही है।
विदिशा एवं रतलाम रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस फोर्स ने 18 वर्ष से कम उम्र के 20 बच्चों को चलती ट्रेन से प्लेटफॉर्म पर उतार लिया है। आरपीएफ ने बच्चों के अलावा 14 लोगों को पकड़ा है, जो इन बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे। आरपीएफ का दावा है कि बिहार के बच्चों को पढ़ाई के नाम पर ले जाया जा रहा था, जबकि उनसे बंधुआ मजदूरी करवाई जानी थी।
10 मिनट तक विदिशा स्टेशन पर खड़ी रही ट्रेन
आरपीएफ के मुताबिक विदिशा रेलवे स्टेशन पर रात 2.40 बजे कटिहार-मुंबई समर स्पेशल ट्रेन आने वाली थी, लेकिन वह सुबह 5.15 बजे विदिशा स्टेशन पहुंची तो आरपीएफ जवान ट्रेन में दाखिल हुए और तलाशी लेने लगे। कुछ लोगों और बच्चों को बाहर निकल निकाल लिया गया। ट्रेन 10 मिनट तक विदिशा रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। मौके पर आरपीएफ और जीआरपी ने बच्चों और पकड़े गए लोगों से पूछताछ की थी। आरपीएफ ने हेडक्वार्टर को मैसेज दिया। ट्रेन को एक बार फिर रतलाम में रोका गया और यहां पर 10 बच्चों को उतारा गया। इन बच्चों को दूसरी बोगी में छुपा दिया गया था।
पैरंट्स ने लिया था एडवांस पेमेंट
विदिशा में आरपीएफ थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को अच्छे मदरसा में पढ़ाई के लिए बिहार के बाहर ले जाया जा रहा था। जबकि उनके साथ पकड़े गए लोगों ने बताया है कि सभी बच्चों को मजदूरी करवाने के लिए ले जाया जा रहा है। इन बच्चों के पैरंट्स ने ₹300 रोज की दर पर बच्चों को मजदूरी के लिए भेजा है। पैरंट्स ने एडवांस पेमेंट भी लिया है। इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ सामाजिक संगठन रेलवे पुलिस फोर्स की मदद कर रहे थे।