जबलपुर। नगर निगम का हांका गैंग अपने हाथों से खुद की पीठ थपथपा रहा है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई दिखाई जा रही है। मवेशी पकड़ने के नाम पर इधर-उधर कैटल वाहन घुमाकर तेल फूंका जा रहा है, लेकिन सड़क पर मौजूद रहने वाले मवेशी टस-मस नहीं हो सके। तो पिफर हांका गैंग क्या कर रही है। इन पर नजर रखने वाले निगम अफसर कहां हैं। ऐसा लगने लगा है कि सभी की मिलीभगत हो रही है तभी तो नीचे से लेकर उपर तक के अधिकारियों के आंखों पर पट्टी पड़ी हुई है। इसका नतीजा यह है कि आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसमें बेजुबान मवेशियों की मौत हो रही है।
हाल ही में बरेला के पास और भोपाल राजमार्ग पर हुए सड़क हादसे में ढेरों मवेशियों की जान जा चुकी हैं। इन मवेशियों की हालत यह थी कि वे सड़क के बीच में बैठे हुए थे। रफ्तार से भाग रहे वाहनों से चूक हुई और वे मवेशियों के झुंड से टकरा गए। बरेला रोड की बात करें तो इसमें 6 मवेशियों की मौत हो गई थी। इसी तरह भोपाल राजमार्ग पर हादसे में 14 मवेशी मृत हो गए थे। इन दोनों बड़ी घटनाओं के बाद हुआ क्या कुछ दिनों तक मवेशियो को पकड़ने का दमखम दिखाया गया और उसके बाद फिर वही पुराने ढर्रे पर गैंग आ गई।
मवेशियों के बने फिक्स प्वाइंट
- बल्देवबाग से उखरी रोड
- घमापुर-तहसीली रोड
- रांझी-जीसीएफ रोड
- दमोहनाका-दीनदयाल रोड
- मालवीय चौक-ओमती रोड
कहते हैं लोग
- हम तो मवेशियों से परेशान हो गए है। ऑफिस समय में देर हो जाती है। इसी तरह लौटते समय भी घर पहुंचने में दुर्घटना का खतरा रहता है।
संजय उपाध्याय
-कई बार मवेशियों के झुंड में इतने ज्यादा मवेशी रहते हैं कि इनकी वजह से यातायात प्रभावित हो रहा है। कुछ जगहों पर जाम के हालात बन रहे हैं।
अखिलेश पटेल
-स्कूल के पास ही सड़क पर मवेशियों का जमघट हो रहा है। बच्चे ऑटो से स्कूल आते-जाते हैं। हमें एक्सीडेंट का भय बना रहता है।
वीरेन्द्र यादव