उन्होंने आगे बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर अधिकारी संदिग्ध व्यक्ति पर नजऱ रख रहे हैं। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। अधिकारी ने आगे कहा कि इसमें जो भी शामिल हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कराकर निलंबित करने की प्रक्रिया चल रही है। साइबर थाने के माध्यम से हम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह किसने किया और ऐसा आवेदन क्यों दिया गया। हम इसकी जांच करेंगे और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पटना जिले में कुत्ता बाबू नाम से एक निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस घटना ने लोक सेवाओं के अधिकार (आरटीपीएस) पोर्टल की सुरक्षा व विश्वसनीयता को लेकर व्यापक आलोचना की है। सोशल मीडिया पर सामने आए प्रमाण पत्र में डॉग बाबू् को मसौढ़ी का निवासी बताया गया है और ऊपर दाहिने कोने में एक कुत्ते की तस्वीर भी है। उन्होंने आगे कहा कि मसौढ़ी के अनुमंडल अधिकारी को पूरे मामले की विस्तृत जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों के खि़लाफ़ विभागीय व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि यह वही निवास प्रमाण पत्र है जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं से मांगा गया है।
प्रमाण पत्र में पिता का नाम कुत्ता बाबू और मां का नाम कुतिया देवी-
प्रमाण पत्र में उसके माता-पिता के नाम कुत्ता बाबू और मां का नाम कुतिया देवी भी दर्ज हैं। जि़ला प्रशासन ने यह भी बताया कि मामले में अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) स्तर की जांच शुरू कर दी गई है।