खबर है कि छपरा गांव में दो दिन पहले 23 वर्षीय महिला की सर्पदंश से मौत हो गई थी। महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए जब मुक्तिधाम नहीं मिला तो ग्रामीणों ने गांव में ही सड़क किनारे लकडिय़ां एकत्र करके अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार शवों का अंतिम संस्कार सड़क किनारे या खेतो में किया गया है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि गांव की आबादी 500 से ज्यादा है, लेकिन आज तक यहां कोई मुक्तिधाम नहीं बना। इस कारण सालों से अंतिम संस्कार या तो खेतों में या फिर सड़क किनारे करना पड़ता है। इस समस्या को लेकर पंचायत से कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन सरपंच या सचिव ने कभी ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 30 वर्षो से ऐसे ही हालात बने है। गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण लोगों को इस तरह अंतिम संस्कार करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के लोग सरपंच और सचिव से कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन कभी समाधान नहीं मिला। महिला के अंतिम संस्कार का वीडियो सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सिंह ने जनपद सीईओ शहपुरा को दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाएगा कि इतने सालों में मुक्तिधाम क्यों नहीं बना और जिम्मेदार कौन है। सीईओ ने कहा कि श्मशानघाट के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।