RPF-GRP प्रमुखों ने की बैठक, अपराध नियंत्रण और यात्री सुरक्षा पर विचार-विमर्श किया

 

नई दिल्ली. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रविवार को संपन्न छठे अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान एक बैठक की। इस दौरान अधिकारियों ने यात्री सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के नए तरीकों पर चर्चा की। यह बैठक आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए की गई। 

अधिकारियों ने बताया कि आरपीएफ रेलवे मंत्रालय के अधीन आता है, जिसका काम यात्रियों और रेल संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। वहीं, जीआरपी राज्य सरकारों के अधीन है, जो आरपीएफ के साथ मिलकर अपराध के मामलों की जांच करती है। 

बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी शामिल हुए
रेल मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, राजकीय रेलवे पुलिस प्रमुखों का अखिल भारतीय सम्मेलन आरपीएफ के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में रेल मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, एडीजीपी और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का मकसद रेलवे में बढ़ते अपराधों को रोकना और रोजाना लाखों यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत बनाना था। इसके लिए सबने मिलकर एकजुट होकर काम करने की बात की।


यात्रियों को जागरूक करने पर रहा बैठक का मुख्य फोकस
प्रेस बयान में कहा गया कि सम्मेलन का मुख्य विषय खुफिया जानकारी साझा करना, संयुक्त परिचालन रणनीति तैयार करना और विशाल रेलवे नेटवर्क का शोषण करने वाले आपराधिक तत्वों की विकसित कार्यप्रणाली का मुकाबला करने के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय को बेहतर बनाना रहा। मंत्रालय ने कहा कि बैठक का मुख्य फोकस यात्रियों की जागरूकता पर रहा, जिससे कि चोरों और धोखेबाजों को पकड़ा जा सके। 

तकनीक और डिजिटल उपायों के इस्तेमाल पर चर्चा

मंत्रालय ने कहा कि सम्मेलन में रेल मदद पोर्टल पर दर्ज चोरी की शिकायतों को एफआईआर में बदलने की प्रक्रिया आसान और तेज करने की बात की गई, ताकि अपराधियों को रोका जा सके। बैठक में पुलिस प्रमुखों ने अपराधियों पर नजर रखने के लिए चेहरे पहचानने वाली तकनीक और अन्य डिजिटल उपायों का इस्तेमाल बढ़ाने पर चर्चा की। 

राज्यों की पुलिस इकाइयों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत पर जोर
प्रेस नोट में कहा गया है कि बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जीआरपी इकाइयों के बीच एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया गया, ताकि क्षेत्राधिकार संबंधी कमियों को रोका जा सके, जिसका अपराधियों द्वारा अक्सर फायदा उठाया जाता है। इस दौरान महिला यात्रियों के खिलाफ अपराधों की चिंताजनक प्रवृत्ति पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें लक्षित गश्त, स्टेशनों और कोचों में सीसीटीवी कैमरे और महिला यात्रियों के बीच सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिए मेरी सहेली टीमों की तैनाती सहित मजबूत निवारक उपायों पर सहमति व्यक्त की गई।

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