रीवा के सरकारी हास्पिटल में नाबालिग के साथ गैंगरेप, सीसीटीवी फुटेज में स्टेचर पर ले जाते दिखे आरोपी

 

अस्पताल प्रबंधन दबा रहा था मामला

 रीवा। रीवा के सबसे बड़े संभागीय संजय गांधी सरकारी हास्पिटल में नाबालिग के साथ गैंगरेप किया गया है। हास्पिटल के ईएनटी विभाग में देर रात नाबालिग के साथ तीन आउटसोर्स कर्मचारियों ने ब्रूटल गैंगरेप किया है। आरोपियों ने ईएनटी व किचन के बीच गलियारे में वारदात को अंजाम दिया है। 

                                        खबर है कि रीवा के संजय गांधी अस्पताल में महिला को इलाज के लिए भरती कराया गया है। जिनकी देखरेख के लिए नाबालिग बेटी रुकी थी। बीती देर रात अस्पताल के तीन आउट सोर्स कर्मचारियों ने नाबालिगा को उठाया और ईएनटी विभाग व किचन के बीच गलियारे में ले जाकर बारी-बारी से रेप किया। नाबालिगा द्वारा विरोध किया तो उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। रेप के दौरान नाबालिगा की हालत बिगड़ गई और रक्त स्त्राव शुरु हो गया। नाबालिगा की हालत को बिगड़ते देख आरोपियों ने स्टेचर पर लिया और अस्पताल के ही एक अन्य विभाग के सामने छोड़कर भाग गए। नाबालिगा को देख अस्पताल में सनसनी फैल गई, देखते ही देखते अधिकारी पहुंच गए, जिन्होने मामले को दबाने के लिए ईएनटी विभाग में भरती महिला व उसकी पीडि़ता बेटी को अस्पताल के बाहर क र दिया। अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने की हर संभव कोशिश की। लेकिन संजय गांधी अस्पताल में गैंगरेप की खबर जैसे ही पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होने मामले को गंभीरता से लिया। हालांकि अभी इस संबंध में पीडि़ता की ओर से कोई शिकायत पुलिस को नहीं की गई है, लेकिन पुलिस अब पीडि़ता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। 

सीसीटीवी फुटेज सामने आए-

इस मामले में जब अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो उसमें पीडि़ता को स्टेचर पर ले जाते दिख रहा है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन यह दलील दे रहा था कि नाबालिग को सेक्सुअल असाल्ट के चलते आकस्मिक विभाग लाया गया है लेकिन मौका देखते ही किशोरी लापता हो गई है। 

कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया- 

अस्पताल में सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी मिलते ही कलेक्टर ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। वहीं पुलिस को पीडि़ता तक पहुंचने के निर्देश दिए। अस्पताल प्रशासन ने घटना से संबंधित सारे सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन हर कीमत पर पीडि़ता को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश करेगा।

अस्पताल प्रबंधन पहले मामले को दबाता रहा, अब कह रहा गैंगरेप हुआ- 

कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लिए जाने के बाद अब मामले को दबाने वाला अस्पताल प्रबंधन भी कह रहा है कि गैंगरेप हुआ है। जब पहले मामले को दबाने में अस्पताल प्रबंधन पहले तो विक्टिम को ही एक पेशेंट घोषित कर दिया। लेकिन जब घटना से जुड़े तथ्य सामने दिखाए गए तो अस्पताल अधीक्षक ने आखिरकार यह मान ही लिया कि पीडि़ता की मां ईएनटी डिपार्टमेंट में भर्ती थी। उसके साथ कुछ लोगों ने सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया है। हालांकि इस दौरान भी अस्पताल अधीक्षक ने कहीं भी यह स्वीकार नहीं किया कि घटना को अंजाम देने वाले आरोपी आउटसोर्स कर्मचारी थे। 

इसके पहले भी हो चुकी है घटना- 

चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि आउटसोर्स के कुछ कर्मचारियों द्वारा करीब 4 साल पहले भी इसी तरह सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। तब भी अस्पताल प्रशासन ने आरोपियों को बचाने के लिए पूरे मामले में लीपापोती करने के प्रयास किए थे।

हास्पिटल अधीक्षक बोले नाबालिगा का इलाज किया गया- 

अस्पताल अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा ने कहा कि 2 लोगों द्वारा घटना करने की जानकारी मिली है। पहले मैं भी यही कह रहा था कि घटना नहीं हुई है। आज सुबह घटना की पुष्टि हुई है। उस नाबालिग लड़की को इलाज के लिए अस्पताल के गायनिक वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। हालत ठीक नहीं थी तो तत्काल उपचार दिया गया। हमने पुलिस को सारे साक्ष्य सौंप दिए हैं। हम भी मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग-

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल से गृह जिले में घटी इस घटना के बाद इस्तीफे की मांग की है। नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि दोषियों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। अधिकारियों को निलंबित किया जाए।

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