गौरतलब है कि एसआईटी ने प्रो. वर्मा को सोमवार को ही नोटिस दे दिया था। एसआईटी ने
विश्वविद्यालय पहुंच सीसीटीवी कैमरों व अन्य तथ्यों की पड़ताल की। टीम ने कुलसचिव डॉ. राजेन्द्र बघेल से भी सीसीटीवी फुटेज के संबंध में जानकारी ली। पूर्व में पीड़िता और घटना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों के बयान लिए गए थे।
ये रहा मामला
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की एक महिला कर्मचारी ने कुलगुरु प्रो. वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य पक्षों से की थी। महिला अधिकारी का आरोप था कि 21 नवंबर को वीसी चेंबर में एक बैठक के दौरान उन्हें अभद्र इशारे किए गए। जिसे वीसी चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग में देखा जा सकता है। शिकायत कर्ता महिला अधिकारी ने सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से फुटेज दिए जाने की मांग भी की थी। लेकिन जब लंबा समय बीत जाने के बाद भी ना तो जांच हुई और ना ही फुटेज मिले तो उक्त महिला अधिकारी ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच कराए जाने की मांग रखी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच कमेटियों की रिपोर्ट पर सवाल खडे़ करते हुए डीजीपी को निर्देश दिए है कि एक एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जांच करायी जाए। एसआईटी को 16 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करना है।