प्रमोशन में आरक्षण के प्रस्ताव की कैबिनेट से मंजूरी का मामला
भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारियों की सरकार के पफैसले पर टकटकी लगी हुई है। प्रमोशन में आरक्षण के प्रस्ताव की कैबिनेट से मंजूरी का मामले से कर्मचारियों की पदोन्नति हो सकती है। मंगलवार को होने वाली केबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जाना है। बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय हो सकेगा। सूत्रों का कहना है कि राज्य शासन द्वारा तैयार किए गए प्रमोशन में आरक्षण के प्रारूप में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। राज्य सरकार की कोशिश है कि सभी कर्मचारियों को समान रूप से इसका लाभ मिल सके और किसी के भी हितों को बहुत ज्यादा नुकसान न हो।
भरे जाएंगे एससी-एसटी के पद
प्रारूप में तय किया किया गया है कि प्रमोशन में आरक्षण के लिए सबसे पहले अनुसूचित जाति के 16 फीसदी और अनुसूचित जनजाति के 20 फीसदी पद भरे जाएंगे। यदि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पद पर कोई पात्र व्यक्ति नहीं मिलता है तो किसी दूसरे वर्ग को इस पद पर लाभ नहीं दिया जाएगा। पदोन्नति के लिए हर साल डीपीसी की जाएगी। इसके लिए 31 दिसंबर को रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की पात्रता का निर्धारण करने के बाद हर साल 1 जनवरी को खाली होने वाले पदों का निर्धारण होगा और इन पदों पर प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा।
प्रमोशन के लिए क्लॉस 1 अधिकारियों और क्लॉस 2 अधिकारियों के लिए अलग-अलग लिस्ट तैयार होगी। क्लास वन अधिकारियों के लिए पदोन्नति का आधार मैरिट कम सीनियरिटी को बनाया जाएगा। वहीं क्लास 2 के लिए सीनियरिटी कम मैरिट को आधार बनाकर सूची तैयार की जाएगी।