पटना। पार्टी व परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने साफ कर दिया है कि वे चुप नहीं बैठेंगे। अपने राजनीतिक भविष्य व निजी जीवन को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच तेज प्रताप एक के बाद एक बैठकें कर रहे हैं। अपने समर्थकों से बात कर रहे हैं और माहौल बना रहे हैं।
तेज प्रताप यादव ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर बात की। बाद में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा अखिलेश हमेशा से मेरे दिल के बहुत करीब रहे हैं। जब उन्होंने अचानक मेरा हालचाल पूछने के लिए फोन किया तो लगा कि मैं इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या तेजप्रताप, अखिलेश की मदद से राजनीतिक वापसी की योजना बना रहे हैं। तेज प्रताप ने न सिर्फ अखिलेश से बात की बल्कि उसी दिन पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें भी कीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि मुलाकातों का सिलसिला जारी है। जब जनता का प्यार हमारे साथ होता है तो हमें हर परिस्थिति का हिम्मत से सामना करने की ताकत मिलती है। अपनी राजनीतिक पार्टी से निकाले जाने और अपने ही परिवार की आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद तेज प्रताप की बढ़ती सार्वजनिक सक्रियता यह दर्शाती है कि वे राजनीति से दूर नहीं जा रहे हैं। अनुष्का यादव के साथ उनके रिश्ते की चर्चा सार्वजनिक रूप से होने और पारिवारिक तनाव की अफवाहों के बीच कई लोग पूछ रहे हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में तेज प्रताप की क्या भूमिका होगी। क्या वह अपना खुद का गुट बनाएंगे, क्या वह किसी दूसरी पार्टी से हाथ मिलाएंगे या फिर वह अपने अगले कदम को तय करने के लिए सार्वजनिक व कानूनी फैसलों का इंतजार करेंगे। 19 जून को पोस्ट किए गए अपने पोस्ट में तेज प्रताप ने लिखा जो लोग मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझते हैं, वे गलत हैं। मुझे आपकी साजिशों के बारे में पता है। आपने इसे शुरू किया है मैं इसे खत्म करूंगा। सच्चाई सामने आने वाली है। मेरी भूमिका जनता और सुप्रीम कोर्ट तय करेगी कोई पार्टी या परिवार नहीं।