नई दिल्ली. ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं का निदान कैसे त्वरित ढंग से किया जाए और यात्रियों से फीडबैक लेकर भविष्य में तमाम परेशानियों का क्या हल निकाल जाये, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब यात्रियों के बीच रेल अधिकारी यात्रा करेंगे. इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने देश के सभी रेल जोनों को निर्देश दिये गये हैं.
इस फैसले के पीछे का मकसद यात्रियों को होने वाली परेशानियों की पहचान करना है. ये रेलवे अधिकरी अपनी पहचान बताए बिना ट्रेन के किसी भी कोच में सवार हो जाएंगे और इसके बाद यात्रा के दौरान होने वाली हर चीज पर नजर रखेंगे. ये एक तरह का छापेमारी अभियान जैसा है, जिससे उन लोगों की भी पहचान हो पाएगी, जो यात्रियों के साथ बदसलूकी करते हैं.
किस तरह की होती है परेशानी?
ट्रेन में यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, कई बार इसकी सुनवाई तक नहीं होती है और लोग रेलवे को कोसते रहते हैं. इसमें खराब क्वालिटी का खाना, रिजर्व सीट पर किसी और का बैठ जाना और वेंडर्स की बदसलूकी जैसी चीजें शामिल होती हैं. कई बार पंखे नहीं चलने और गंदी बेडशीट की शिकायतें भी रेलवे को मिलती हैं.
यात्रा के दौरान ये होगी अफसरों की ड्यूटी
रेलवे के अनुसार हर जोन स्तर पर टीमें गठित कर रेलवे अफसरों को रेल के कोच में यात्रियों के साथ सफर करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें वो ट्रेनों की जांच-पड़ताल करेंगे। उनमें खामियों को ढूंढेंगे और तत्काल उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। साथ ही यात्रियों से फीडबैक लेंगे, ताकि उसके आधार पर अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा सकें। बताया जा रहा है कि ये अफसर कोच में शौचालय, चार्जिंग पॉइंट, लाइट, एसी, पंखे और पानी की उपलब्धता और साफ-सफाई जैसी सुविधाओं की जांच करेंगे।