मुंबई. मुंबई एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब थाईलैंड से लौटे एक भारतीय नागरिक के बैग से दर्जनों दुर्लभ और जहरीले रेंगने वाले जीव बरामद हुए. कस्टम अधिकारियों ने शक होने पर यात्री के चेक-इन बैग की तलाशी ली, जिसमें से 44 जहरीले इंडोनेशियन पिट वाइपर, 5 एशियन लीफ टर्टल और 3 स्पाइडर-टेल्ड हॉर्न्ड वाइपर निकले.
अधिकारियों ने बताया कि ये सभी जीव बड़ी चालाकी से बैग के अंदर छिपाकर लाए गए थे. इन जानवरों की तस्वीरें कस्टम विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर की हैं, जिनमें रंग-बिरंगे सांप एक बर्तन में रेंगते दिखाई दे रहे हैं. गिरफ्तार किए गए शख्स की पहचान फिलहाल उजागर नहीं की गई है, क्योंकि वह अभी कस्टडी में है. उससे पूछताछ जारी है कि ये सांप और कछुए कहां से लाए गए और इन्हें भारत में किसके लिए लाया जा रहा था.
कई अन्य घटनाएं भी आ चुकी हैं सामने
हालांकि, यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी एयरपोर्ट पर कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. इसी साल जनवरी में दिल्ली एयरपोर्ट पर एक कनाडाई नागरिक को मगरमच्छ की खोपड़ी के साथ पकड़ा गया था. वहीं, फरवरी में मुंबई एयरपोर्ट पर एक यात्री के ट्रॉली बैग से प्लास्टिक के क्रेट में छिपाकर लाए गए पांच सियामांग गिब्बन पकड़े गए थे. ये दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति के बंदर हैं जो मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड में पाए जाते हैं. 2019 में चेन्नई एयरपोर्ट पर भी एक बड़ा मामला सामने आया था, जहां एक शख्स के पास से हॉर्न्ड पिट वाइपर, पांच इगुआना, चार ब्लू-टंग स्किंक, तीन ग्रीन ट्री फ्रॉग और 22 इजिप्शियन टॉर्टॉइज बरामद किए गए थे.
दुर्लभ जीवों का आयात पूरी तरह प्रतिबंधित
भारत में वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत ऐसे कई दुर्लभ जीवों का आयात पूरी तरह प्रतिबंधित है. अगर किसी को किसी जानवर को आयात करना भी हो, तो उसके लिए जरूरी अनुमति और लाइसेंस लेना अनिवार्य है. बिना अनुमति के लाए गए जानवरों को जब्त कर लिया जाता है और आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जाती है. मुंबई एयरपोर्ट की यह ताज़ा घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर एयरपोर्ट सुरक्षा व्यवस्था और वन्यजीव तस्करी के खिलाफ क्या और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.