नई दिल्ली. भारत की प्रजनन दर (फर्टिलिटी रेट) में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसा हाल ही में जारी विश्व जनसंख्या नीति की रिपोर्ट में बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार 2025 के अंत तक भारत की आबादी 1.46 अरब तक पहुंच सकती है, जहां दूसरी ओर प्रजनन दर घटकर 1.9 पर आ गई है, लेकिन बात भारत के राज्यों की करें तो यहां पर यूपी-बिहार सरपट भाग रहे हैं, जबकि दक्षिण के राज्यों की रफ्तार इस मामले में काफी धीमी हो रही है.
2022 नागरिक पंजीकरण सिस्टम रिपोर्ट के आधार पर, अध्ययन में पाया गया कि तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या वृद्धि धीमी हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में लगभग 2.5 करोड़ बच्चों ने जन्म लिया. उत्तर प्रदेश में पंजीकृत जन्मों की संख्या सबसे अधिक 54.4 लाख थी, इसके बाद बिहार में 30.7 लाख और महाराष्ट्र में 19.2 लाख थी.
राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे अन्य उत्तरी राज्यों में भी बर्थ रजिस्ट्रेशन में वृद्धि देखी गई. हालांकि, इसके उलट दक्षिणी राज्यों में तुलनात्मक रूप से कम बर्थ रजिस्ट्रेशन दर्ज किए. तमिलनाडु में 9.4 लाख, कर्नाटक में 10.4 लाख, आंध्र प्रदेश में 7.5 लाख, तेलंगाना में 7 लाख और केरल में 2022 में केवल 4.4 लाख बच्चों ने जन्म लिया, जैसा कि बर्थ रजिस्ट्रेशन के आंकड़े बताते हैं.
बच्चा पैदा करने वाले स्टेट में ये हैं अव्वल
सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने में उत्तर प्रदेश एक नंबर पर है, जिसने 2013 से अब तक लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. बिहार में भी तेजी देखी गई, जो 2013 के बाद 2022 के आंकड़े यानी दशक में लगभग दोगुनी हो गई. राजस्थान और मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई, जबकि महाराष्ट्र मामूली उतार-चढ़ाव के साथ अपेक्षाकृत वैसा ही रहा. हालांकि, इस राज्य ने उच्च प्रजनन दर बनाए रखी है.