बड़वानी। एमपी के बड़वानी के लिम्बई गांव में अज्ञात जानवर के हमले में 6 लोगों की मौत हो गई, वहीं 17 लोगों के शरीर पर गंभीर चोटें आई है। जिन्हे उपचार के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां पर उनका इलाज किया जा रहा है। जंगली जानवर के कारण लोगों में इतनी दहशत है कि शाम 7 बजे के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते है। यहां तक कि एक परिवार ने तो गांव ही छोड़ दिया है।
खबर है कि ग्राम लिम्बई जिला बड़वानी 3500 आबादी वाला है, यहां पर पिछले दिनों अज्ञात जंगली जानवर ने 17 लोगों पर हमला कर दिया। अचानक किए गए हमले में गांव के लोगों में भगदड़ व अफरातफरी मच गई, लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर से उधर भागने लगे। घायलों को उपचार के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर 6 लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस बात की खबर मिलते ही जिला प्रशासन व वन विभाग के अधिकारी पहुंच गए, जिन्होने ड्रोन उड़ाए, पिंजरे भी रखे, लेकिन जानवर पकड़ में नहीं आ सका। अचानक आई इस विपत्ति को देखते हुए गांव की महिलाओं ने पूजन पाठ भी शुरु कर दिए। मंदिर में यज्ञ भी कराया ताकि मुसीबत को टाला जा सके। गांव के सरपंच पति का कहना है कि 5 मई से अब तक 6 व 4 पशुओं की मौत हो चुकी है। जानवर ने सभी के मुंह पर हमला किया है। ये सभी हमले ग्राम लिम्बई व भैरव घाट क्षेत्र में एक के बाद एक हुए है। एक ग्रामीण का कहना है कि वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ घर के बाहर सोया था, सुबह 6 बजे के लगभग जानवर ने हमला कर दिया। गांव के एक युवक का कहनाहै कि वह लिम्बाई गांव के बाहर भैरव मंदिर के सामने झोपड़ी बनाकर निवासरत है, वह दो साल से मजदूरी कर रहा है। पिछले दिनों मामा के लड़के की शादी थी, जिसमें मेहमान आए हुए थे। उनका और हमारा परिवार बाहर ही सोया था। सुबह पिता पर हमला हुआ। इस घटना के बाद से प्रवीण ने परिवार सहित घर छोड़ दिया।
35 जवान गांव में गश्त कर रहे-
लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए बड़वानी से आया 35 जवानों का दल लगातार गश्त कर रहा है। जवानों को अब तक कोई जानवर नहीं दिखा है। जहां पर हमले हुए है वहां पर भी कैमरे लगाए गए है। वहीं सरकार द्वारा मृतक के परिजनों को 8-8 लाख रुपए की आर्थिक सहायत दी गई है।
लकड़बग्घा के हमले का संदेह, दिल्ली भेजे गए सेम्पल-
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई है, जिन्होने मरीजों की जांच कर टीके लगाए है। लेकिन डाक्टरों का कहना है कि रैबिज के टीके का असर लकड़बग्घे पर नहीं होता है। जिस जानवर ने हमला किया है, वह लकड़बग्घा हो सकता है।