पूर्व तहसीलदार ने कोर्ट में किया सरेंडर, रेप के आरोप में फरार था, महिला ने कराया था केस, कहा था आरोपी की 4 पत्नियां

 


ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर के तत्कालीन तहसीलदार व रेप के आरोपी शत्रुघन सिंह चौहान ने आज जिला कोर्ट में जज सोनल सिंह जादौन की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। साथ ही जमानत भी मांगी है। सरेंडर के बाद कोर्ट ने मामले की सूचना संबंधित थाना को देकर विवेचना अधिकारी को तलब किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 2 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। महिला थाना पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

                               शत्रुघन सिंह चौहान के अधिवक्ता विष्णु सिंघल का कहना है कि शत्रुघन सिंह चौहान ने जिला कोर्ट में सरेंडर किया है। जमानत के लिए अर्जी लगाई है। महिला ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं, वह बेबुनियाद हैं। महिला पहले भी ऐसा कर चुकी है। वकील ने बताया कि शत्रुघन सिंह पर पहले भी जितने मामले दर्ज थे। वह उसमें दोषमुक्त हो चुके थेए उससे संबंधित दस्तावेज हमने कोर्ट में लगाए हैं। 

महिला ने लगाए थे शादी का झांसा देकर रेप के आरोप-

शत्रुघन सिंह चौहान पर 15 जनवरी 2025 को 34 साल की एक महिला ने झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया था। इस पर महिला थाने में रेप का केस भी दर्ज किया गया था। आरोपी के लगातार फरार होने पर पुलिस ने 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। महिला का आरोप था कि तत्कालीन तहसीलदार ने उसे साल 2008 से 2025 तक पत्नी बनाकर रखा और शारीरिक शोषण किया। हालांकि शत्रुघन सिंह चौहान ने इन आरोपों को खारिज किया है।

महिला का आरोप, तहसीलदार की 4 पत्नियां

महिला का आरोप है कि आरोपी शत्रुघन सिंह ने साल 2008 से 2025 तक कई जगहों पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। महिला ने ये भी कहा कि उसे मिलाकर आरोपी तहसीलदार की चार पत्नियां हैं। यह भी दावा किया था कि उसका बेटा आरोपी का ही है। महिला ने मारपीट और धमकाने के आरोप भी लगाए हैं।

मांग में सिंदूर भर शादी की नौटंकी की-

महिला का आरोप है कि 10 अगस्त 2008 को भिंड के मानगढ़ गांव में रात 10.30 बजे उसने शादी का वादा कर उसके साथ संबंध बनाए। इसी साल शत्रुघन सिंह चौहान नायब तहसीलदार बने। इसके बाद वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करते रहे। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की नौटंकी की। जहां भी उनकी पोस्टिंग हुई। उन्होंने उसे वहां रखा व शारीरिक संबंध बनाए। महिला का कहना है कि 2014 में उसके बेटे का जन्म हुआ था। जो आरोपी का बेटा है। जब उसे पता लगा कि आरोपी की उसके अलावा तीन पत्नी और हैं तो वह उससे झगड़ा करने लगा।

साढ़े 5 महीने से थे फरार, नहीं मिली जमानत

मामला दर्ज होने के बाद तत्कालीन तहसीलदार ने जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत का प्रयास किया थाए लेकिन कहीं से भी उनको जमानत नहीं मिली। मामला दर्ज होने के बाद शत्रुघन सिंह ने अपना ट्रांसफर भी करा लिया था। लगातार फरार होने पर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने शत्रुघन सिंह पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। जबकि पीडि़त महिला ने कहा था कि वह अपना घर बेचकर 50 हजार रुपए इनाम देगी।


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