एसपी और सीएम हेल्पलाईन में शिकायत के बाद जागी पुलिस
जबलपुर। कृषि उपज मण्डी प्रांगण में तीन माह पहले बाबा टोला के हम्माल सुनील चौधरी के साथ की गई मारपीट के मामले में पुलिस के टालमटोल रवैए की वजह से एफआईआर नहीं हो सकी। घायल की पत्नी के आगे आने पर एसपी और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। ताजुब्ब तो इस बात का है कि इसके बाद भी इस वारदात के मुख्य आरोपी को बचा लिया गया है। घायल की पत्नी का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से मुख्य आरोपी को किनारे कर दिया गया है।
कृषि उपज मण्डी प्रांगण में व्यापारी संघ के अजीत साहू एवं राजू गुप्ता उर्फ राजू श्रीवास्तव ने सुनील चौधरी के साथ हाथ-मुक्कों और डंडे से हमला कर उसे जातिगत गालियां दी थीं। हमले में घायल सुनील चौधरी को पुलिस ने इलाज हेतु मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन सुनील की पत्नी संगीता चौधरी के शिकायत करने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया। सुनील की पत्नी संगीता का कहना था कि पुलिस अधीक्षक से इस मामले की शिकायत की गई, जिसके बाद विजय नगर पुलिस ने संगीता और सुनील का बयान लेने थाने बुलाया। वहां पहले से ही मारपीट करने वाले आरोपी अजीत साहू और राजू गुप्ता थाने में बैठे थे। मौके पर पुलिस ने उन दोनों पर मामला वापस लेने दबाव बनाया। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने यह भी बोला कि तुम लोगों ने मामला वापस लेने लिखकर दिया है। इस पर संगीता का कहना था कि वह पढ़ी-लिखी ही नहीं है। दस्तखत नहीं करती। तूल पकड़ रहे इस मामले में पुलिस ने सेटिंग करके अजीत साहू को किनारे कर राजू श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया। संगीता चौधरी का यह आरोप है कि वारदात में अजीत साहू मुख्य आरोपी है, लेकिन पुलिस की सांठगांठ से उस पर मामला दर्ज नहीं किया।