एमपी : पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीबाड़ा मामले में बिहार की गैंग की मदद से 3-3 लाख में बैठाए सॉल्वर, 3 दला फरार

 ग्वालियर. मध्य प्रदेश में आरक्षक भर्ती परीक्षा में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। ग्वालियर और चंबल संभाग में यह गैंग लंबे समय से सक्रिय है। चंबल के तीन एजेंटों ने दो साल पहले बिहार के गैंग की मदद से सॉल्वर बिठाकर अभ्यार्थियों को पास कराने का 8 से 10 लाख रुपए में ठेका लिया था। ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर व शिवपुरी में 3 एजेंट सरपंच पति अभिताभ सिंह, श्याम सिंह मीणा व अशोक गुर्जर ने इन चार शहरों में सॉल्वर बिठाने की डील की थी। यह तीनों एजेंट बिहार की गैंग से जुड़े थे। तीनों अभी फरार हैं। इ

नमें से अभिताभ रावत को पूर्व में अन्य फर्जीवाड़े में भी पकड़ा जा चुका है। ग्वालियर में 10 अभ्यार्थियों के स्थान पर सॉल्वर बिठाए गए थे। इनकी एफआईआर कंपू और माधौगंज थाने में दर्ज हैं। माधौगंज थाना पुलिस ने इनमें से एक अभ्यर्थी अतेंद्र को पकड़ा है, जो अभी रिमांड पर है। इसने सरपंच पति अभिताभ रावत से 8 लाख की डील की थी। अन्य किसी प्रकरण में गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन ग्वालियर में इमरान, दीपक रावत व हरज्ञान रावत के सॉल्वर श्योपुर में पकड़े गए हैं।

बायोमैट्रिक पर सॉल्वर के अंगूठे और अभ्यर्थी की अंगुली के निशान

2023 की भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर सॉल्वर को बिठाने के लिए आधार में गड़बड़ी की प्रक्रिया को बिहार के सरगना ऑपरेट कर रहे थे। इन सरगनाओं ने दिल्ली के आधार अपडेट करने वाले एजेंट की आईडी को किराए पर लेकर एपीके फाइल के द्वारा अभ्यर्थी व सॉल्वर को किसी अन्य लेपटॉप से दूसरे स्थान पर बिठाकर रिमोट प्रक्रिया से फोटो व फिंगरप्रिंट अपडेट किए गए। बायोमैट्रिक पर अभ्यर्थी व सॉल्वर के फिंगरप्रिंट को मिक्स किया गया। इसमें अभ्यर्थी की अंगुली व सॉल्वर के अंगूठे के प्रिंट लिए गए। बायोमैट्रिक पर परीक्षा हॉल में अंगूठे व अंगुलियों गड़बड़ी का 30त्न से कम होने पर मशीन ने सॉल्वर को परीक्षा के लिए ओके कर दिया। चेहरे का फोटो भी इसी दौरान अपडेट किया गया।

10 अभ्यार्थियों ने ग्वालियर में सॉल्वर बिठाए

माधौगंज क्षेत्र में अभ्यर्थी अतेंद्र सिंह मीणा ने सॉल्वर बिठा कर आरक्षक की परीक्षा पास की थी, इसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कंपू क्षेत्र में इमरान, हक्के रावत, सुमित रावत, दीपक रावत, विवेक, जीतेंद्र पाल, सोनू, संजय सिंह व हरज्ञान सिंह रावत के स्थान पर सॉल्वर बिठाए गए थे, इन मामलों में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

3 से 10 लाख की हुई राशि खर्च हुई 

डील में से हर सॉल्वर को 3-3 लाख रुपए दिए गए। इसके अलावा लगभग 50 हजार रुपए आधार अपडेट पर आधार आईडी उपलब्ध करने व संचार सेवा से जुड़े कर्मचारियों को तकनीकी मदद के लिए दिए गए। तो सभी फर्जी नौकरी पर होते: प्रदेश में श्योपुर-मुरैना के एजेंट व बिहार की गैंग ने मिलकर 2023 की आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर-चंबल में सॉल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराई थी। पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर को बिठाकर परीक्षा दिलाने वाला गैंग ने अपना काम सफलता से किया। आधार व फिंगर प्रिंट में अपडेट कर गड़बड़ी करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। अन्यथा यह सभी फर्जी इस समय नौकरी में होते।


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