आदिवासी युवती का अपहरण कर गैंगरेप, 12 दिन तक बंधक बनाकर रखा, 7 युवकों ने की वारदात

 


छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में आदिवासी युवती का अपहरण कर गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपियों ने युवती को करीब 12 दिन तक बंधक बनाकर हवस का शिकार बनाया है। पीडि़ता ने आज  मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई है। युवती ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

                                पीडि़ता का कहना है कि वह आदिवासी समाज है और मानसिक रुप से कमजोर है। वह एक जून को गुरैया के शांति वेयर हाउस में मजदूरी करने गई, जहां से शाम के वक्त बाजार से सामान खरीदने गई। इस दौरान  आरोपी अंजू आ गया, उसने अपने साथी शीतल को फोन कर बुलाया। फिर मोंटी और शीतल उसे जबरन दोपहिया वाहन से अपने साथ गुरैया देव स्थित घर ले गए। वहां रात भर उसे कमरे में बंद करके रखा गया। अगले दिन सभी आरोपी मारपीट कर गाड़ी में डालकर छिंदवाड़ा के पातालेश्वर मंदिर ले गए। यहां सुनील कंटक से उसका फर्जी विवाह करवाया। इसके बाद उसे घर में बंधक बनाकर मोबाइल तक जब्त कर लिया। युवती ने बताया कि 12 दिन तक उसके साथ लगातार रेप किया गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। इधर युवती के अचानक गायब होने से परिजन चितिंत हो गए, जिन्होने देहात थाना में गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस द्वारा युवती की तलाश में जुटी रही। 13 जून की रात करीब 11 बजे युवती इमलीखेड़ा थाना क्षेत्र में मिली। उसके साथ दो महिलाएं व एक पुरुष भी थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि पेपर में छपी गुमशुदगी की सूचना पढ़कर उन्होंने युवती को पहचान लिया और थाने लेकर आए। पुलिस ने तुरंत युवती के परिजनों को सूचना दी। परिजनों की मौजूदगी में युवती को दस्तयाब किया गया। पुलिस का कहना है कि उस वक्त युवती ने बयान में बताया कि माता-पिता की डांट के कारण वह घूमने के लिए जामसावली क्षेत्र चली गई थी। उस समय युवती के बयान में किसी भी आपराधिक घटना का जिक्र नहीं था। तीन दिन बाद युवती ने लिखित शिकायत देते हुए युवकों के नामक लेकर रेप का आरोप लगाया है। पुलिस अब शिकायत पर जांच कर रही है। पुलिस ने जिन सात युवकों पर गैंगरेप के आरोप लगाए है, उनमें एक नाबालिग भी है।

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