जबलपुर। हैदराबाद से जबलपुर लाए गए घोड़ों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है, आज फिर एक घोड़े की मौत हो गई। 57 घोड़ों में अब तक 11 घोड़ों की मौत हो चुकी है। अब सिर्फ 46 घोड़े ही रह गए है। जिन्हे पशु चिकित्सा विभाग की निगरानी में रखा गया है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई हो सकती है। जबलपुर निवासी सिमरन ईसर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर घोड़ों को सुरक्षित स्थान पर रखने की मांग की है।
खबर है कि सचिन तिवारी निवासी रायपुर ने 29 अप्रेल से 3 मई के बीच हैदराबाद से 57 घोड़े ट्रक के जरिए जबलपुर पहुंचाए थे, जिन्हे ग्राम रैपुरा पनागर में रखा गया था। यहां पर 5 मई से 13 मईके बीच करीब 8 घोड़ों की मौत हो गई थी, जिससे हड़कम्प मच गया। खबर के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया और कलेक्टर के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घोड़ों का इलाज शुरु कर दिया। यहां तक कि सभी घोड़ों के ग्लैंडर्स सैंपल लेकर हरियाणा स्थित हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे गए। जहां सिर्फ एक घोड़े की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब तक जितने भी घोड़ों की मौत हुई है, उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रैपुरा गांव के बाहर दफनाया गया है। इस बीच आज आज जिस घोड़े की मौत हुई है वह लम्बे समय से बीमार था, उसने पैरालिसिस व सीवियर कोलिक गुर्दे की गंभीर बीमारी थी, जिसके चलते वह दर्द से कराहता रहा। उसकी ग्लैंडर्स रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बाद भी उसकी मौत हो गई। जिसे आज डाक्टरों की उपस्थित में गढ्डा खोदकर दफना दिया गया। गौरतलब है चार दिन पहले जिस घोड़े की मौत हुई है, उसे लेमिनाइटिस नामक बीमारी थी, जिसमें खुर के अंदर सूजन आ जाती है और वह चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है। इस घोड़े की ग्लेंडर रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।