Railway- का आदेश दिव्यांग यात्रियों को लेकर किया बड़ा फैसला, छूट वाले फार्म में किया यह अहम बदलाव

नई दिल्ली. भारत सरकार ने रेल मंत्रालय ने रेल यात्रा में छूट चाहने वाले दिव्यांग लोगों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है, दिव्यांग लोगों के जारी किए जाने वाले रियायती फार्म में मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति शब्द के स्थान पर बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्ति शब्द लिखने का फैसला किया है।

मंत्रालय द्वारा सभी रेलवे जोनों के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को सुधार को लेकर पत्र भेजा गया है। जिसमें लिखा है कि रेल मंत्रालय ने मानसिक रूप से मंद व्यक्ति जो बिना अनुरक्षक के यात्रा नहीं कर सकते शब्द के स्थान पर बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्ति जो बिना अनुरक्षक के यात्रा नहीं कर सकते शब्द रखने का निर्णय लिया है। 

मंद जैसे शब्द आपत्तिजनक

अधिकारियों ने कहा कि मानसिक रूप से मंद जैसे शब्द आपत्तिजनक लगने के साथ-साथ नकारात्मक अर्थ के भी होते हैं। एक रेलवे अधिकारी ने कहा, यह कदम काफी समय से लंबित था। नए रियायत प्रमाण पत्र फॉर्म में 1 जून से ये बदलाव शामिल किए जाएंगे। हालांकि, परिपत्र में रियायत प्रमाण पत्र फार्म का संशोधित प्रारूप भी संलग्न था, जिसमें अन्य दिव्यांगताओं के लिए 'विकलांग और 'दिव्यांगजन जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया था, जिससे दिव्यांगता अधिकार अधिवक्ताओं और कार्यकर्ताओं के बीच चिंता उत्पन्न हो गई थी।

संशोधित प्रपत्र में तीन श्रेणियों को निर्दिष्ट किया गया है जिन्हें यात्रा रियायत प्रदान की जाती है। इसमें कहा गया, अस्थि दिव्यांग/पक्षाघात से पीडि़त (व्यक्ति/रोगी) जो बिना अनुरक्षक के यात्रा नहीं कर सकते/बौद्धिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति जो अनुरक्षक के बिना यात्रा नहीं कर सकते/श्रवण एवं वाणी की पूर्ण दिव्यांगता वाले व्यक्ति (एक ही व्यक्ति में दोनों विकार एक साथ) के लिए रियायत प्रमाण पत्र प्रपत्र।

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