ईओडब्ल्यू ने जांच में तीन अफसरों को दोषी पाया, एफआईआर दर्ज
जबलपुर। डिंडौरी में पदस्थ तत्कालीन उपसंचालक, शाखा प्रभारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर चना और मसूर के बीच का तक गबन कर दिया। जांच के बाद तीनों अफसरों पर ईओडब्ल्यू जबलपुर में प्रकरण दर्ज किया है। इनमें एक सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2021-22 में डिण्डौरी के विकास खंड मेहंदवानी में योजना के तहत चना एवं मसूर बीज वितरण में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग डिंडौरी के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी ने भ्रष्टाचार किया है। शिकायत की जांच ईओडब्ल्यू जबलपुर के डीएसपी स्वर्ण जीत सिंह धामी को सौंपी गई थी। जांच पर पाया कि वर्ष 2021-22 में डिंडौरी के 7 विकास खंडों में टीआरएफए योजना अंतर्गत चना एवं मसूर बीज वितरण किया था। उस समय उप संचालक कृषि डिण्डौरी अश्विनी झारिया थे। विकास खंड मेहंदवानी में तत्कालीन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेमंत मरावी ने कुल 728 कृषकों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया था, जबकि 728 कृषकों के अतिरिक्त 372 कृषकों की फर्जी सूची बनाकर 276.75 क्विंटल चना बीज का वितरण दर्शाया था। फर्जी सूची तैयार की थी साथ ही 305 कृषकों को 121.5 क्विंटल मसूर बीज वितरित किया था। जबकि 295 कृषकों की सूची फर्जी तैयार कर 118 क्विंटल मसूर बीज का फर्जी वितरण दशार्या था। स्टॉक रजिस्टर के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि 276.75 क्विंटल चना बीज तथा 118 क्विंटल मसूर बीज विकास खण्ड मेहंदवानी वरिष्ठ कृषि अधिकारी के कार्यालय में आया ही नहीं तथा तात्कालीन उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया व शाखा प्रभारी इंदर लाल गौरिया;सेवा निवृत्त के कहने पर फर्जी कृषकों को सूची तैयार कर वितरण करा दिया। जांच उपरांत शिकायत पत्र में लगाये गये आरोप प्रमाणित पाये जाने से आरोपी अश्विनी झोरिया, तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, जिला डिण्डौरी, इंदर लाल गौरिया, तत्कालीन शाखा प्रभारी ;सेवा निवृत्त किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, डिण्डौरी, हेमंत मरावी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकास खण्ड मेहंदवानीके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।