झांसी. रेलवे ने छोटे शहरों की पारंपरिक कला, खाद्य पदार्थ और वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट योजना शुरू की है. इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणी के स्टेशनों पर स्थानीय कला, संस्कृति, उत्पाद और हथकरघा जैसे छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्टॉल आवंटित किए जा रहे हैं. झांसी रेल मंडल के 31 स्टेशनों पर स्टॉल बनाए गए हैं. इस योजना में स्वयंसेवी समूह और कलाकारों को शामिल किया जा रहा है.
एमपी-यूपी के ये स्टेशन शामिल
इस योजना के तहत वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, ग्वालियर, दतिया, डबरा, मुरैना, भिंड, महोबा, खजुराहो, छतरपुर, चित्रकूट धाम कर्वी, उरई, पुखरायां, मऊरानीपुर, बांदा, ललितपुर, टीकमगढ़, बिरलानगर, भरवा सुमेरपुर, खरगापुर, सरकनपुर, बबीना, अतर्रा, कालपी, ओरछा, बरुआसागर, तालबेहट, शनिचरा, चिरगांव, ईशानगर, हरपालपुर और घाटमपुर स्टेशनों पर स्टॉल दिए जा रहे हैं.
मात्र इतने किराए पर मिलेंगी दुकानें
झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एनएसजी-1 से एनएसजी-3 श्रेणी के स्टेशनों पर 15 दिन के लिए आवंटित होने वाली स्टॉल का शुल्क 1000 रुपये होगा. वहीं, एसएसजी-4 से एनएसजी-6 के स्टेशनों पर शुल्क 500 रुपये रहेगा. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है. इच्छुक लोग इस योजना में आवेदन कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं. इसमें उन्हीं उत्पादों की बिक्री होगी जो स्टेशन पर पहले से उपलब्ध नहीं हैं.
योजना का यह है उद्देश्य
स्टॉल पर स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, हैंडलूम, स्थानीय कृषि उत्पाद, स्थानीय कारीगरी, संशोधित व अर्ध संशोधित खाद्य पदार्थ, परंपरागत परिधान, कपड़ा, हथकरघा, लकड़ी या मिट्टी से बनी वस्तुएं, खिलौने आदि बेचने की अनुमति होगी. यह योजना स्थानीय लोक कला को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है. इससे आप अपने उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचा सकते हैं.