केरल पहुंचा मानसून, 20 जून तक जबलपुर में पड़ सकती है बारिश की फुहार

मध्यप्रदेश के दक्षिणी हिस्से से होगी मानसून की एंट्री

भोपाल। आठ दिन पहले मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्यप्रदेश में भी मानसून 15 जून तक या इससे पहले भी पहुंच सकता है। जबलपुर में 20 जून को बारिश की पफुहार पड़ने की आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक मनसून से पहले प्रदेश में प्री मानसून का असर देखने के मिलेगा।

इस बार समय से आठ दिन पहले मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्यप्रदेश में भी मानसून 15 जून तक या इससे पहले भी पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने प्रदेश में इस वर्ष अच्छी बारिश होने की संभाना जताई है। मनसून से पहले प्रदेश में प्री मानसून का असर देखने के मिलेगा। मौसम विभाग भोपाल के वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से मंडला, सिवनी, डिंडौरी, बालाघाट, अनूपपुर, बुरहानपुर, पांढुर्णा, बैतूल, बड़वानी के रास्ते से मानसून एंट्री करेगा। ग्वालियर.चंबल में सबसे लेट 25 जून तक पहुंचेगा। भोपाल, इंदौर में यह 20 से 22 जून के बीच आ सकता है।

गत वर्ष 6 दिन लेट पहुंचा था मानसून 

जानकारी के लिए बता दे की मध्य प्रदेश में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 15 जून है। हालांकिए पिछले कुछ सालों से यह 18 से 22 जून के बीच ही पहुंच रहा है। पिछले साल 2024 में सात 6 दिन लेट 21 जून को एंट्री हुई थी। दक्षिण.पश्चिम मानसून ने पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिले में प्रवेश किया था। इस बार भी इन्हीं जिलों से मानसून के आने की संभावना है। 

2009 में 23 मई को पहुंच गया था मानसून

मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि इस बार मानसून ने 8 दिन पहले ही केरल में दस्तक दी है। इससे पहले 2009 को भी मानसून 23 मई को पहुंच गया था। अब यह कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र में पहुंचेगा। फिलहाल तो मानसून की स्थिति ठीक है, पर आगे जाकर रफ्तार धीमी भी हो सकती है। हवा की गति और प्रेशर के बाद ही मानसून की सही स्थिति पता चलती है। फिलहाल मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति ठीक है। मध्यप्रदेश में इस बार भी समय से पहले या समय पर पहुंचने की स्थिति बन रही है। उन्होंने बताया कि कई बार मानसून अटक भी जाता है। इसलिए अब तक का अनुमान यही है कि 15 जून के आसपास मानसून प्रदेश में आएगा। यदि मानसून की गति बेहतर रही तो यह पहले भी आ सकता है। मई के आखिरी में स्थिति और भी क्लियर हो जाएगी।

शहरों मानसून पहुंचने की संभावित डेट

15-16 जून. मंडला, सिवनी, डिंडौरी, बालाघाट, अनूपपुर, बुरहानपुर, पांढुर्णा, बैतूल, बड़वानी, खरगोन जिलों में पहुंच सकता है।

20 से 22 जून. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर संभाग को कवर कर लेगा।

22 से 23 जून. सागर, रीवा, शहडोल संभाग में मानसून दस्तक दे सकता है।

25 जून. ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के नीमच जिले में मानसून के पहुंचने का अनुमान है।

बेहतर बारिश की उम्मीद

प्रदेश में इस बार मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। अनुमान के मुताबिक 104 से 106प्रतिशत यानी औसत 38-39 इंच बारिश हो सकती है। जबलपुर-शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा पानी गिरेगा। ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन और भोपाल संभाग में भी कोटा फुल हो सकता है। साल 2023 में प्रदेश के 25 से ज्यादा जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थीए लेकिन 2024 में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 44 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई थी। मई के आखिरी में मौसम विभाग एक और अपडेट जारी करेगा। इसमें बारिश को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। अप्रैल में हुए मानसून फोरकास्ट में कहा था कि जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा।

इन जिलों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद

मौसम विभाग ने प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। जबलपुर, शहडोल संभाग में सबसे अधिक पानी गिरने की उम्मीद है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के ज्यादातर जिलों में डेढ़ सौ फीसदी तक पानी गिर सकता है। उत्तरप्रदेश बॉर्डर से लगे कुछ जिलों में सामान्य बारिश के भी आसार हैं। 

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