रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को ऑनलाइन संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश में रेलवे के निरंतर विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इस वर्ष भी राज्य में रेलवे विस्तार, सुरक्षा और यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 14,745 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
31 नई रेल परियोजनाओं को स्वीकृति
रेल बजट के तहत राज्य में 31 नई रेल परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 5,869 किलोमीटर होगी। इन परियोजनाओं पर कुल ₹1,04,987 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इस बजट से नई रेल लाइनों के निर्माण, विद्युतीकरण, स्टेशन अपग्रेडेशन और हाई-स्पीड ट्रेनों की सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।रेलवे को मिलेगी 145 मेगावाट सौर ऊर्जा
रेल मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश रेलवे के लिए 145 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करेगा, जो सौर ऊर्जा के माध्यम से होगी। इस संबंध में जल्द ही ओएमयू (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस अंडरस्टैंडिंग) समझौता किया जाएगा, जिससे रेलवे की ऊर्जा निर्भरता और संचालन लागत में कमी आएगी।
बजट से राज्य को क्या मिलेगा?
- रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 31 नई परियोजनाओं को मंजूरी
- 5,869 किमी नए ट्रैक निर्माण की योजना
- सौर ऊर्जा आधारित 145 मेगावाट बिजली आपूर्ति
- रेलवे सुरक्षा, विद्युतीकरण और यात्री सुविधाओं में सुधार
80 अमृत स्टेशनों का होगा विकास: यात्रियों की सुविधा के लिए मप्र के 80 स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिन पर कुल 2,708 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इनमें रानी कमलापति, ग्वालियर, खजुराहो, सतना, इंदौर, बीना और जबलपुर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर 1,950 करोड़ की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसमें भोपाल रेल मंडल के सभी स्टेशन पर चल रहे अमृत स्टेशन का काम मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
3,572 किमी ट्रैक पर लगेगा कवच : 3,572 किमी रेल मार्ग पर सुरक्षा कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 1,422 किमी पर कार्य प्रगति पर है। यह रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी।
सभी रेल लाइन पूर्ण विद्युतीकृत : 2,808 किमी रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है, जिससे मप्र 100% विद्युतीकृत राज्य बन चुका है। वहीं 2,456 किमी नई पटरियों का निर्माण किया गया है।